Patrika Explainer: कोरोना वैक्सीन के बाद कुछ लोगों में क्यों होता है साइड इफेक्ट
कोरोना महामारी से सुरक्षा के लिए किए जा रहे वैक्सीनेशन के बाद कुछ लोगों में इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं। हालांकि इसका कारण क्या है और ऐसा क्यों होता है, जानना बेहद जरूरी है।
Patrika Explainer Reason of side effects after Covid-19 Vaccine
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से सुरक्षा दिलाने के लिए लगाए जाने वाले वैक्सीनों के साइड इफेक्ट्स के भी कई मामले देखने में आए हैं। वैक्सीनेशन के बाद शरीर में होने वाले बदलाव और दुष्प्रभाव हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन लोगों में सबसे बड़ा सवाल और डर यही है कि आखिर ऐसा क्यों होता है। जहां कुछ लोगों में वैक्सीन का दुष्प्रभाव देखने को मिलता है, कई में कुछ नहीं होता। जानिए इसका कारण।
Must Read: ये रहे कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़े 7 बड़े सवालों के जवाब दरअसल, कोरोना वैक्सीनेशन के बाद सिरदर्द, थकान और बुखार सहित अन्य अस्थायी दुष्प्रभाव इस बात का संकेत देते हैं कि प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार हो रहा है और यह कोई भी टीका लगने के बाद शरीर द्वारा दी जाने वाली एक सामान्य प्रतिक्रिया है। और ये शारीरिक प्रतिक्रियाएं आम हैं।
अमरीकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन में वैक्सीन चीफ डॉ. पीटर मार्क्स के मुताबिक, “टीके लगवाने के अगले मैं ऐसी कोई भी योजना नहीं बनाऊंगा जिसमें शरीर को कठिन मेहनत करनी पड़े।” क्या होता है शरीर में वैक्सीनेशन के बाद
चिकित्सकों के मुताबिक प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम के दो मुख्य हथियार होते हैं और जैसे ही शरीर में एक बाहरी घुसपैठिए का पता लगता है, पहला हथियार हमला करता है। श्वेत रक्त कोशिकाएं उस स्थान पर आ जाती हैं, जिससे वहां सूजन हो जाती है और यह ठंड लगना, दर्द, थकान और अन्य दुष्प्रभावों के लिए जिम्मेदार होती है।
Must Read: केंद्र सरकार की चेतावनी, बेहद तेजी से चरम पर पहुंच जाएगी कोरोना की अगली लहर अगर.. उम्र बढ़ने के साथ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की यह तेज प्रतिक्रिया धीमी होती जाती है और यही कारण है कि कम उम्र के लोगों में बड़े वयस्कों की तुलना में कहीं ज्यादा साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। इसके अलावा, कुछ टीके दूसरों की तुलना में ज्यादा रिएक्शनव यानी प्रतिक्रिया देते हैं।
हर किसी के शरीर की प्रतिक्रिया अलग ढंग से होती है। अगर आपको किसी भी डोज के एक या दो दिन बाद कुछ भी महसूस नहीं होता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि टीका काम नहीं कर रहा है। शरीर के अंदर वैक्सीन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के दूसरे सिस्टम को भी गति प्रदान करते हैं, जो एंटीबॉडी पैदा करके वायरस से वास्तविक सुरक्षा प्रदान करेगा।
एक और परेशानी वाला दुष्प्रभाव जैसे ही प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय होती है, यह कभी-कभी लिम्फ नोड्स में अस्थायी सूजन का कारण बनती है, जैसे कि बांह के नीचे। महिलाओं को कोविड-19 टीकाकरण से पहले नियमित मैमोग्राम शेड्यूल करने के लिए कहा जाता है ताकि सूजे हुए नोड को कैंसर न समझें।
एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा बनाए गए टीके लगवाने वाले लोगों के एक छोटे से हिस्से ने असामान्य प्रकार के रक्त के थक्के जमने की शिकायत की। कुछ देशों ने इन वैक्सीन को बुजुर्ग वयस्कों के लिए आरक्षित किया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि उन्हें लगाने से होने वाले लाभ अभी भी जोखिमों से अधिक हैं।
कभी-कभार लोगों को गंभीर एलर्जी भी होती है। इसलिए आपको कोई भी कोविड-19 वैक्सीन देने के बाद लगभग 15 मिनट तक उसी सेंटर में मौजूद रहने के लिए कहा जाता है- ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी रिएक्शन का तुरंत इलाज हो सके।
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