वायु प्रदूषण से आईवीएफ सफलता दर 38% तक गिर सकती है
रिसर्च के दौरान अंडे एकत्र करने से पहले इन्हें दो सप्ताह पीएम10 (10 माइक्रोमीटर से बारीक कण) के संपर्क में लाया गया। रिसर्च में पाया गया कि धूल कणों ने भ्रूण के जीवित जन्म लेने की संभावना को 38 फीसदी कम कर दिया। भ्रूण प्राप्त करने के समय महिलाओं की औसत उम्र 34.5 साल थी, जबकि भ्रूण बदलाव के समय 36.1 साल थी। अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. सेबेस्टियन लेदरसिच के मुताबिक जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरे हैं, जिसमें प्रजनन भी शामिल है। इसके लिए अच्छी वायु गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए वायु प्रदूषण के कारकों को सही ढंग से नियंत्रित किया जाना चाहिए।
चार समयावधि में जांचा गया असर
वायु प्रदूषकों के स्तर को चार समयावधि के लिए जांचा गया। ये 24 घंटे, दो सप्ताह, चार सप्ताह और तीन महीने थी। अध्ययन में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों से अधिक था।
अपनी तरह का पहला अध्ययन
डॉ. सेबेस्टियन के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जिसमें अंडे के विकास और गर्भावस्था के शुरुआती चरणों के दौरान प्रदूषकों के प्रभावों को समझने के लिए फ्रोजन भ्रूण स्थानातंरण चक्र का उपयोग किया गया। निष्कर्ष बताता है कि प्रदूषण न सिर्फ गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में बल्कि अंडों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।