दिल का अचानक रुकना – लक्षणों को पहचानो और जोखिम कम करो!
दिल हमारे शरीर का इंजन है, रात-दिन बिना रुके खून पंप करके हमें जिंदा रखता है। पर कभी-कभी ये इंजन अचानक रुक भी सकता है। इसे ही कार्डियक अरेस्ट कहते हैं, जो बेहद गंभीर और जानलेवा स्थिति है। अगर समय पर मदद न मिली तो मरीज की जान भी जा सकती है।
सीने में दर्द: छाती के बीचो-बीच तेज या दबाने वाला दर्द होना, जो हाथ, गर्दन या जबड़े तक भी फैल सकता है।
बेचैनी और घबराहट: बिना किसी कारण के अचानक बेचैनी और घबराहट महसूस होना।
चक्कर आना या बेहोशी: कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना या बेहोश होकर गिर जाना।
त्वचा का रंग बदलना: चेहरे और होठों का नीला पड़ जाना या पसीना छूटना।
ध्यान रखें, सभी को ये सभी लक्षण नहीं दिखेंगे! ये लक्षण कुछ मिनटों के लिए ही हो सकते हैं या फिर धीरे-धीरे बढ़ सकते हैं। अगर किसी में दो या अधिक लक्षण दिखाई दें और तुरंत सुधार न हों, तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें या एम्बुलेंस बुलाएं।
कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करें: उच्च कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर, दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट के बड़े कारण हैं। इन्हें डॉक्टर के मार्गदर्शन में नियंत्रित करें।
धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें: धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इन्हें पूरी तरह से त्याग दें।
नियमित चेकअप कराएं: डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं और समय रहते किसी भी हृदय रोग का पता लगाएं।
याद रखें, दिल की सेहत हमारे हाथ में है। सतर्क रहें, लक्षणों को पहचानें और स्वस्थ आदतें अपनाकर कार्डियक अरेस्ट के जोखिम को कम करें। यह हमारा और हमारे प्रियजनों का कर्तव्य है।
– समय पर सीपीआर (CPR) देने से कार्डियक अरेस्ट में मरीज के बचने की संभावना बढ़ जाती है। सीपीआर सीखना सभी के लिए बेहद जरूरी है।