अच्छी नींद के लिए पुरानी आदतें अपनाने की सलाह
लॉकडाउन से घर में रहने के दौरान तनाव और अनिद्रा आदि समस्याएं देखने में आ रही हैं। विभिन्न रिसर्च में अच्छी नींद के लिए जो उपाय बताए जा रहे हैं, वे दरअसल हमारे बड़े-बुजुर्गों के समय से चले आ रहे हैं।
अच्छी नींद के लिए पुरानी आदतें अपनाने की सलाह
1-सोने से पहले किताबें पढ़ें। पहले घरों में किताबें पढऩा जीवन का हिस्सा था। इससे दिमाग में स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल कम होता, अच्छी नींद आती, याददाश्त बढ़ती, अल्जाइमर जैसी बीमारियों से भी बचाव होता है।
2-कई शोधों में सामने आया है कि सोने से पहले रिलेक्स (फिजिकली और मेंटली दोनों) रहना चाहिए। इसके लिए बच्चे या पालतू जानवरों के साथ समय बिताएं। गहरी सांस लें। कल्पना में खोने की कोशिश करें।
3-गांवों की जीवनशैली में सोने-जगने का समय तय होता था। अब शोध कह रहे हैं कि इससे कई गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। नींद की भी एक दिनचर्या होती है जो गड़बड़ाने से अनिद्रा आदि समस्या होती है।
4-अच्छी नींद के लिए हवादार कमरे में सोना चाहिए। साथ ही बिस्तर साफ और मुलायम होना चाहिए। आसपास शोरगुल वाला माहौल नहीं होना चाहिए। इससे रात में नींद बाधित नहीं होती है।
5-एक रिसर्च के अनुसार लाइट बंद करके सोने से नींद अच्छी आती है। शारीरिक-मानसिक थकान नहीं होती है। नियमित अच्छी नींद से एकाग्रता बढ़ती है। तेज रोशनी में सोने से बार-बार नींद टूट जाती है।
6-कोशिश करें कि सोने से एक घंटा पहले मोबाइल- टीवी, कंप्यूटर छोड़ दें। इनकी नीली रोशनी से आंखों मेें तनाव बढ़ता व जलन होती है। इससे नींद देरी से आती है। अगले दिन का कामकाज प्रभावित होता है।
7-प्रोटीन और ऑयली फूड रात में खाने से बचें। ये पाचन क्रिया को धीमा कर नींद खराब करते हैं। काब्र्स डाइट जैसे रोटी, दाल, हरी सब्जियां, मीठा खाएं। थोड़ा अदरक खाने से पाचन ठीक रहता है।
8-कैफीन वाली चीजें जैसे कॉफी, डार्क चॉकलेट, सोडा आदि रात में लेने से नींद में दिक्कत होती है। नींद न आने से पाचन पर असर पड़ता है। इसकी जगह खूब पानी पीएं। हल्का गुनगुना दूध पीने से भी नींद आती है।
9-सोने से पहले व्यायाम से हार्ट रेट व शरीर का तापमान बढ़ जाता है। व्यायाम से कई हार्मोन्स भी रिलीज होते जो शरीर को रात में एक्टिव कर देते हैं। इससे नींद का चक्र गड़बड़ाता है।
10-कई शोधों में कहा गया है कि एल्कोहल न अन्य नशे से नींद बाधित होती है। आंखों की गति बढ़ जाती है जिससे नींद नहीं आती है। श्वसन क्रिया भी प्रभावित होती है जिससे अगले दिन समस्या बनी रहती है।
Expert comment- अधिकतर बीमारियां अपर्याप्त नींद के कारण होती हैं। उम्र के हिसाब से सबके लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। तीन माह तक के नवजात को 14-17 घंटे, 4-11 माह तक के शिशुओं को 12-15 घंटे, एक-दो वर्ष के बच्चों को 11-14 घंटे, 3-5 वर्ष तक के बच्चों को 10-13 घंटे, 6-13 वर्ष के बच्चों को 9-11 घंटे, 14-17 वर्ष तक के किशोरों को 8-10 घंटे, 18-64 वर्ष के लोगों को 7-9 घंटे और 65 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
डॉ. अमित सागर, फिजिशियन, जोधपुर
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