माईग्रेन और इसके इलाज के पुराने तरीके
माइग्रेन (Migraine) , जो गंभीर सिरदर्द का कारण बनता है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर सात में से एक व्यक्ति को प्रभावित करता है। महिलाओं में इसका प्रभाव पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक पाया गया है।इतिहास में सस्ती दर्द निवारक दवाएं जैसे एस्पिरिन और आइबुप्रोफेन, और ट्रिप्टांस जैसी दवाएं जो मस्तिष्क के रक्त संचार पर प्रभाव डालती हैं, माइग्रेन (Migraine) के उपचार के लिए आमतौर पर उपयोग की जाती रही हैं।
नए वर्ग की दवाएं: गेपेंट्स
हाल ही में माइग्रेन के उपचार के लिए गेपेंट्स नामक दवाओं का नया वर्ग बाजार में आया है। इसमें रिमेजेपेंट (जिसे फाइजर Vydura ब्रांड नाम से बेचती है) और उब्रोजेपेंट (Abbvie द्वारा Ubrelvy के रूप में विपणन किया जाता है) शामिल हैं।हालांकि इन दवाओं को “बड़ा ब्रेकथ्रू” बताया जा रहा था, और फाइजर ने रिमेजेपेंट बनाने वाली कंपनी बायोहैवन को 2022 में 10 अरब डॉलर से अधिक में खरीदा था, लेकिन अध्ययन में पाया गया कि ये दवाएं वास्तव में पुराने उपचारों से ज्यादा प्रभावी नहीं हैं।
अध्ययन के नतीजे: पारंपरिक दवाएं बेहतर
शोधकर्ताओं ने लगभग 90,000 प्रतिभागियों पर किए गए 137 पूर्व परीक्षणों का विश्लेषण किया, जिसमें 17 विभिन्न माइग्रेन (Migraine) उपचारों का अध्ययन किया गया। परिणामों ने दिखाया कि नई, महंगी दवाएं जैसे रिमेजेपेंट, उब्रोजेपेंट और लासमिडिटन (जो उनींदापन का कारण बन सकता है) केवल पारंपरिक दर्द निवारक दवाओं जैसे पैरासिटामोल और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं के बराबर ही प्रभावी हैं।ट्रिप्टंस का कम उपयोग
अध्ययन में पाया गया कि ट्रिप्टंस का अब भी व्यापक रूप से कम उपयोग हो रहा है। शोधकर्ताओं ने सिफारिश की कि माइग्रेन (Migraine) के इलाज के लिए डॉक्टरों को ट्रिप्टंस को प्राथमिकता देनी चाहिए। जिन मरीजों को हृदय संबंधी समस्याएं हैं और वे ट्रिप्टंस नहीं ले सकते, उनके लिए पारंपरिक दर्द निवारक दवाएं जैसे एस्पिरिन या आइबुप्रोफेन उपयुक्त हो सकते हैं।यह भी पढ़ें-भोजन है माइग्रेन का इलाज : इन स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ माइग्रेन को नियंत्रित करें