आस्टोयोआर्थराइटस के नेचुरल ट्रीटमेंट के तौर पर करीब 7 तरीकों से काम किया जा सकता है और ये सातों तरीके दर्द से राहत दिलाने वाले हैं। तो चलिए जानें कि किन तरीकों से गठिया का दर्द दूर किया जा सकता है।
हीट एंड कोल्ड थेरेपी दर्द से राहत दिलाने में बहुत कारगर साबित होती है। जोड़ पर गर्मी या सर्दी लगाने से आस्टियोऑर्थराइटिस से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। हीट थेरेपी और कोल्ड रब जेल भी दर्द से राहत दिलाता है। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार जोड़ पर जब गर्मी लगती है तो रक्त वाहिकाओं का विस्तार होता है। यह अधिक रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को सूजन वाले ऊतकों में प्रवाहित करने में मदद करती है। इस तरह से सर्कुलेशन बढ़ाने से कठोर मांसपेशियों और जोड़ों को आराम मिल सकता है। वहीं, कोल्ड थेरेपी से सूजन कम हो जाती है।
इसमें जोड़ों को लचीला यानी फ्लेक्सेबल बनाने के लिए रूट्रेचिंग और स्ट्रेंथिंग तकनीक अपनाया जाता है। घुटनों और पैरों की एक्सरसाइज के जरिये जोड़ों के आसपास की मसल्स को मजबूत करना होता है। इसके लिए आप एक कुर्सी पर बैठे जाएं और बारी-बारी से घुटनों को सीधा उठाएं। कुछ दे रखें और छोड़ दें। एक टावल को रोल कर लें और उसे पीठ के बल लेकर घुटनों के नीचें दबा दें। फिर पैर को हल्का सा ऊपर उठाएं। ऐसा करने से मसल्स मजबूत होंगी। रोज वॉक करें। ये सारी गतिविधियां दर्द से राहत दिलाएंगी।
आर्थराइटिस फाउंडेशन का सुझाव है कि सहायक उपकरण जोड़ों की रक्षा कर सकते हैं और एक व्यक्ति को दैनिक कार्य करने में मदद कर सकते हैं। फिजिकल थेरेपी के लिए आप फिजियो थेरेपिस्ट से सहयोग ले सकते हैं या कुछ उपकरणों के सहारे एक्सरसाइज कर सकते हैं। जैसे छड़ी या वॉकर चलते समय क्षतिग्रस्त जोड़ों पर शरीर के भार को कम कर सकते हैं। ब्रेसिज़, स्प्लिंट्स, कंस, वॉकर ,दस्ताने और कलाई की पट्टियां आदि आपके सहायक उपकरण हो सकते हैं।
पौष्टिक, संतुलित आहार खाना और भरपूर व्यायाम और नींद भी आपके दर्द को दूर करने का काम करेंगे। साथ ही कोलेस्ट्रॉल और यूरिक एसिड को कंट्रोल कर आप गठिया के दर्द को कम कर सकते हैं। धूम्रपान आदी से तौबा कर लें। साथ ही वेट कम कर के भी आप दर्द से राहत पा सकते हैं। रुमेटोलॉजी मैग्जिन 2018 की रिपोर्ट बताती है कि कुछ चीजें खाने से भी गठिया में आराम मिलता है। इसमें ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त चीजे, एवोकाडो और अखरोट आदि रोज खांए।
योग, ताई ची, और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) जैसे मन-शरीर दोनों को हेल्दी बनाते हैं। 2019 में, अमेरिकन कॉलेज ऑफ रुमेटोलॉजी (ACR) और आर्थराइटिस फाउंडेशन ने पाया कि घुटने या कूल्हे के आर्थराइटिस में ताई ची बहुत कारगर है। ये मांसपेशियों की ताकत को संतुलित करता है।
एक्यूपंक्चर पारंपरिक चीनी चिकित्सा है। इसमें शरीर के ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करने के लिए पतली सुईयों का सहारा लिया जाता है। एक्यूपंक्चर गठिया के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसे आप किसी विशेषज्ञ से सीख सकते हैं या उसके सहयोग से चिकित्सा ले सकते हैं।