ब्लड शुगर को मैनेज करने का ये रूल हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापे से बचाता है। ये सारी बीमारियां हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण होती है। इसलिए इस रूल को फॉलो कर आप इन बीमारियों के खतरे से भी बचते हैं।
नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर की जांच करने से आपको अपने शुगर का पैटर्न पता चलता है। कुछ खाद्य पदार्थ कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले होते हैं और ये ब्लड शुगर को कम करने में हेल्पफुल होते हैं, जबकि कुछ फूड्स आपके शुगर को बढ़ाते हैं। तो इस टेस्ट के जरिये आप समझ सकेंगे कि आपके शुगर को घटाने या बढ़ाने में किस फूड का रोल है। इससे आप आसानी से अपनी शुगर को मेंटेन कर सकते हैं। A1C परीक्षण पिछले 3 महीनों में आपके औसत रक्त शर्करा के स्तर को दर्शाता है। डायबिटीज वाले कई लोगों के लिए A1C लक्ष्य 7 प्रतिशत से कम होता है। आपका लक्ष्य क्या होना चाहिए इसका आकलन करने के लिए आप डॉक्टर से बात कर तय कर सकते हैं
उच्च रक्तचाप की संभावना डायबिटीज मरीज में सबसे ज्यादा होती है। डायबिटीज में धमनियों को नुकसान पहुंचता है, इससे एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ता है। ये उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है, जिसका इलाज न करने पर रक्त वाहिका क्षति, दिल का दौरा और किडनी फेल होने की संभावना होती है। डायबिटीज वाले लगभग दो-तिहाई वयस्कों का रक्तचाप 130/80 मिमी एचजी से अधिक होता है। वहीं, ब्लड शुगर ज्यादा होने वालों में रक्तचाप लक्ष्य 140/90 मिमी एचजी से नीचे होता है।
कोलेस्ट्रॉल धमनियों यानी ब्लड वेसेल्स में जमा एक चिपचिपा मोम जैसा फैट होता है, जो नसों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत पहुंचाता है। डायबिटीज में हाई कोलेस्ट्रॉल होने का खतरा अधिक होता है, जो हृदय रोग (सीवीडी) का कारण बनता है। अनकंट्रोल कोलेस्ट्रॉल जानलेवा हो सकता है। इसलिए 40 के बाद अपने कोलेस्ट्रॉल पर विशेष ध्यान दें।
डायबिटीज में स्मोकिंग यानि धूम्रपान ठीक वैसे ही है, जैसे करेले का नीम के पेड़ पर चढ़ना। स्मोकिंग डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी और हार्ट के खतरे को और बढ़ाता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज के लिए स्मोकिंग जहर समान है। क्योंकि डायबिटीज में पहले ही ब्लड फ्लो नसों के सकरे होने से प्रभावित होता है और स्मोकिंग इसे और संकरा बनाता है।
तो अगर आप डायबिटीज होने के बाद भी सामान्य जीवन और बीमारियों से दूर हरना चाहते हैं तो अपना रेग्युलर चेकअप कराएं और एसबीसीएस का रूल फॉलो करें।