पीपल की पत्तियों के अंदर बायोएक्टिव यौगिक मौजूद होते हैं, जो पीलिया की समस्या से लड़ने में बेहद मददगार हैं। इसकी पत्तियों का रस, छाल या फल किसी भी रूप में इसे खाना फायदेमंद होगा। लिवर को हेल्दी बनाने के लिए भी ये बहुत उपयोगी है।
स्किन पर अगर फोड़े-फुंसी ज्यादा हों या बालतोड़ की समस्या हो गई हो तो पीपल की छाल को पानी में घिसकर फोड़े में लगाने से फोड़ा ठीक हो जाता है। फोड़े या बालतोड़ पर पीपल का दूध लगाने से बालतोड़ ठीक हो जाता है।
अगर पीपल के पत्तों का रस रोज पीने लगें तो इससे शरीर डिटॉक्स होता है। साथ ही ब्लड शुगर कम होता है। किडनी और लिवर के लिए भी ये बहुत फायदेमंद होता है।
किभी तरह के स्किन डिजीज में पीपल की छाल को 20 ग्राम कूटकर 200 ग्राम पानी में उबालें एक चौथाई रह जाने पर छानकर सुबह पीने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। एग्जिमा, खुजली या सुजाक रोग में ये औषधि की तरह काम करता है।
जिन पुरुषों में शुक्राणु की कमी है उनके लिए पीपल का फल बहुत फायदेमंद होता है। फल को छाया में सुखा कर उसे कूटकर छान लें। इसका पाउडर 5 ग्राम प्रातः और शाम को दूध या पानी से लेने पर 15 से 20 दिन में इसका फायदा दिख जाएगा। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है। यह स्वप्नदोष में भी फायदेमंद है। पीपल का फल कब्ज में भी फायदेमंद है।
मसूड़ों में समस्या, मुंह की दुर्गंध से छुटकारा दिलाने के लिए इसकी पत्तियां का पेस्ट करना चाहिए। पीपल की पत्तियों के अंदर फ्लेवोनॉयड्स मौजूद होते हैं जो न केवल दांतो का पीलापन दूर करते हैं, बल्कि पीपल की पत्तियों से बना पेस्ट मसूड़ों की कई समस्याओं को दूर करने में बेहद उपयोगी है।
डायरिया और इससे हुई थकान और कमजोरी में पीपल की छाल बहुत फायदेमंद है। इसके छाल में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। आप पीपल की छाल से बने अर्क के सेवन से अपने डायरिया की समस्या को दूर कर सकते हैं।
तो पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से आपको शुद्ध हवा भी मिलेगी और इसकी पत्तियां आपकी सेहत भी बनाएंगी।