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फेरों से पहले ही बेहोश होकर गिरा दूल्हा, दुल्हन ने शादी से किया इनकार उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर को हाथरस की बेटी पर हमला हुआ था और 29 सितंबर को बिटिया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। पुलिस प्रशासन ने गर्म माहौल के बीच ही देर रात बिटिया के शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद बूलगढ़ी गांव राजनीति का अखाड़ा बन गया था, जिसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। गांव में पहचान पत्र देखकर केवल ग्रामीणों को ही प्रवेश दिया जा रहा था। ग्रामीण चिंतित थे कि इस सीजन में उनके घर में शादी का आयोजन कैसे होगा। इस मामले में एसआईटी के बाद सीबीआई की जांच शुरू हुई तो पीड़ित परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई। इसके बाद बूलगढ़ी में बाहरी लोगों की आवाजाही शुरू हो गई और ग्रामीणों का जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है।
बता दें कि गांव में शादियाें का दौर भी शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि दो पहले ही शनिवार को ही गांव में सीजन की पहली शादी हुई है। बूलगढ़ी से एक युवक की बारात हाथरस गई थी, जहां युवक दुल्हन लेकर गांव लौटा है। ग्रामीणों ने बताया कि अब वह अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस सीजन में गांव के कई परिवारों में बेटे-बेटियों की शादियां हैं। गांव के परिवारों में शादी की तैयारियां भी चल रही हैं और उनमें शरीक होने दूर-दराज से रिश्तेदार भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रकरण के बाद से बाहरी लोग हमारे गांव में रिश्ते करने से कतरा रहे थे, लेकिन अब हमारे गांव में बेटे और बेटियों के शादी के प्रस्ताव भी आ रहे हैं।
बिटिया के घर खामोशी ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बिटिया के घर सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं। सीआरपीएफ के जवान पूरे गांव में घूम-घ्रूमकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। इसके साथ ही बिटिया के परिवार से मिलने वाले हर व्यक्ति पर पैनी नजर रखी जा रही है। हालांकि बिटिया के परिवार में अभी भी खामोशी छाई हुई है।