पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पसली टूटना, सिर, हाथ-पैरों और शरीर के अंगों में चोट लगना इस बात को दर्शाता है कि सत्संग स्थल पर भगदड़ में कैसे लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए चलते गए। जो एक बार भीड़ में गिरा, वह दोबारा नहीं उठ पाया। यही वजह रही कि लाखों लोगों की भीड़ जमीन पर गिरने वाले श्रद्धालुओं को कीड़े-मकोड़ों की तरह कुचलती जा रही है। इस भीड़ में कोई किसी की चीख नहीं सुन पा रहा था।
घटना के शुरूआती दौर में अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत की वजह गर्मी, उमस से होना माना जा रहा था। पीएम रिपोर्ट से साफ है कि लोगों का दम भी घुटा भी तो वह लाखों लोगों की भीड़ में फंसने की वजह से। तमाम श्रद्धालुओं को संभलने का जरा भी मौका नहीं मिल सका।
छह डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट की टीमों ने किया पीएम
अलीगढ़ पोस्टमार्टम हाउस पर छह डाक्टर और दो फार्मासिस्ट की टीमों ने 38 शवों का पीएम किया। यह पूरी रात 10 बजे से सुबह नौ बजे तक पीएम करती रही। पोस्टमार्टम हाउस पर रोते-बिलखते परिजन अपनों के शव लेकर अपने-अपने घरों को रवाना हुए। रात भर रुके परिजनों के खाने-जाने के लिए वाहन और डीजल की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा कराई गई।