12 किमी दूर रहने वाले भी डर गए
पटाखा फैक्ट्री से 12 किमी दूर बालागांव के किसान नन्हेलाल भाटी ने बताया, सुबह खेती-किसानी और घर के काम में लगे थे। अचानक विस्फोट की आवाज आई। ऐसा लगा, कोई मिसाइल चली है। बाद में पता चला, पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ। पहले भी ऐसा विस्फोट हो चुका है।
नकारा सिस्टम…कारोबारी पर पहले से केस, सजा भी हुई फिर भी चलता रहा कारोबार
पटाखा कारोबारी राजेश अग्रवाल घटना के बाद उज्जैन की ओर भागा। सारंगपुर में राजगढ़ पुलिस ने उसे भाई सोमेश के साथ गिरफ्तार कर लिया। पहले भी फैक्ट्री में बारूद भरने के दौरान हुए हादसों में उसे आरोपी बनाया था। एक मामले में कोर्ट ने दोषी पाते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। लेकिन राजनीतिक पहुंच के दम पर बेखौफ मौत का कारोबार चलाता रहा। नियमों को धता बताकर नाबालिगों तक से काम कराया। यह उसके लिए नया नहीं है। 2015 में भी फैक्ट्री में नियमों की अनदेखी कर श्रमिकों से काम कराया जा रहा था। इस दौरान फैक्ट्री में विस्फोट हुआ। इसमें राकेश और इकबाल की मौत हुई थी। कोर्ट ने माना कि सुरक्षा इंतजाम नहीं थे। जानबूझकर राजू अग्रवाल ने बारूद का काम कराया। उसे 10 साल की सजा सुनाई। वह जमानत पर होने के बाद भी हरकतों से बाज नहीं आया।
टैक्स चोर भी है फैक्ट्री मालिक
सोमेश फायर वर्क्स में बीते साल दिवाली से पहले राज्य जीएसटी की एंटी इवेजन ब्यूरो की टीम ने छापेमारी की थी। इसमें पटाखों पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। संचालक ने 57 लाख टैक्स जमा किए। जब्त दस्तावेजों की स्क्रूटनी अभी भी चल रही है।
7 साल पहले भी हुए विस्फोट में 3 मौतें
2017 में बैरागढ़ के प्रताप बेलदार के घर विस्फोट हुआ। परिवार को राजू ने कच्चा बारूद सुतली बम में भरने दिया था। हादसे में प्रताप के परिवार की तीन महिलाएं शांता, पप्पी, विमला की मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन ने फैक्ट्री सील की, पर उस पर बड़ी कार्रवाई नहीं की।
पेटलावद हादसे की रिपोर्ट अब भी फाइलों में कैद
12 दिसंबर 2015: झाबुआ के पेटलावद में पटाखा विस्फोट में 105 लोगों को जान गई थी। हादसे के लिए गठित जांच आयोग ने दिसंबर-2015 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। यह रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखी। कैसे: मकान में अवैध रूप से रखी जिलेटिन रॉड और डेटोनेटर के कारण हादसा हुआ।
इनसे भी दहला प्रदेश
18 अप्रेल 2017
इंदौर के रानीपुरा बाजार में पटाखा दुकान में आग। सात की मौत हो गई। कैसे: सिलेंडर में ब्लास्ट से हादसा।
20 अक्टूबर 2022
मुरैना में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में 4 की मौत। कैसे: विस्फोटकों में अचानक लग लगने से हादसा।
21 अक्टूबर 2023:
दमोह की पटाखा फैक्ट्री में मालिक समेत 6 की मौत। कैसे: विस्फोटकों के भंडार में भड़क उठी थी चिंगारी।
संबंधित खबरें
हरदा में फैक्ट्री ब्लास्ट में 14 की मौत, 400 लोग अब तक लापता, मरने वालों में सिर्फ राहगीर