पिछले कुछ महीने तक लोग कोरोना संक्रमण से लड़ रहे थे। कोरोना संक्रमण का असर कम हुआ तो लोगों को वायरल और डेंगू जैसे बुखार ने जकड़ लिया। निजी अस्पतालों में मरीज को भर्ती करने के लिए बेड तक कम पड़ गए हैं। जिले के हर गांव में वायरल के सैकड़ों मरीज घर पर पड़े हुए हैं।
गांव नली हुसैनपुर जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर है। यहां पर वायरल का और भी बुरा हाल है। इस गांव में ऐसा कोई घर नहीं बचा जहां बुखार का मरीज न हो। ग्रामीणों का दावा है कि 150 से अधिक मरीज बाहर के अस्पतालों में भर्ती हैं। सभी मरीजों में एक ही समानता है कि उनकी ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से गिर रही हैं।
बुखार से मौतें होने के मामले में ग्रामीणों ने बैठक भी की, इसमें पूर्व प्रधान मनोज चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ग्रामीणों की घर पर जांच भी नहीं हो रही है। जल्द राहत नहीं मिली तो डीएम से शिकायत की जाएगी। गांव निवासी दीपक, गजराज सिंह, भिकारी लाल शर्मा, परवीन, अंगूरी, श्रीनिवास आदि की मौत वायरल से हुई है।
गांव में फैल रहे बुखार से जवान लोगों की भी मौत हो रही है। दीपक की उम्र महज 25 साल है जिसका 3 साल का एक बेटा है, दीपक की मौत से पूरा परिवार संकट में पड़ गया है। उसके पिता देवेंद्र सिंह की हालत भी खराब है। वहीं, 39 वर्षीय गजराज का बेटा भी छोटा है, उनके निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने गांव में तीन दिन पहले जांच कराई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि अभी तक रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। अस्पताल के चिकित्सकों का कहना था कि यदि रिपोर्ट पॉजिटिव है तभी मरीजों को बताया जाता है। जबकि मरीजों का यह कहना था कि उन्हें रिपोर्ट की जानकारी तो अवश्य मिलनी चाहिए।
सीएमओ डॉ. रेखा शर्मा का कहना है कि गांव में टीम भेजी गई है। लोगों का सतर्क रहने के साथ ही साफ-सफाई का ध्यान रखने को भी कहा गया है। वायरल पीड़ित हर मरीज की जांच के बाद दवाई दी जा रही है।