मेडिकल कॉलेज खुलने से शहर के नागरिकों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरों के अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे धन व समय दोनों की बचत होगी। मेडिकल कॉलेज से हनुमानगढ़ को कई रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक भी मिलेंगे। वर्तमान में न्यूरो फीजिएशन व न्यूरो सर्जन नहीं होने के कारण दुर्घटना के जख्मी को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में रैफर किया जाता है। लेकिन हनुमानगढ़ में मेडिकल कॉलेज खुलने से इस तरह के रैफर केसों में काफी हद तक कमी आएगी। इसके अलावा हार्ट, ईएनटी, न्यूरो, ग्रेस्ट्रोलोजिस्ट इत्यादि चिकित्सकों की सेवाएं मिल सकेंगी।
मेडिकल कॉलेज पर की चर्चा
जिला कलक्टर ने कैंसर कैंप के निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ, पीएमओ व अन्य चिकित्सकों से मेडिकल कॉलेज की भी चर्चा की। खास बात है कि सरकारी की सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना के तहत हनुमानगढ़ जिले में सबसे पहले मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि का आवंटन हुआ है। इस मौके पर सीएमएचओ डॉ. अरूण चमडिय़ा, पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा, मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. शंकर सोनी आदि मौजूद रहे।
महात्मा गांधी जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए सतीपुरा बाइपास पर भूमि का आवंटन हो चुका है। अब बजट आवंटन के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। करीब 40 बीघा की भूमि पर मेडिकल कॉलेज होने से सभी रोगों से संबंधित विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी। इलाज के रोगी व परिजनों को बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।
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