शहीद अशफाक उल्लाह के घर की मिट्टी से महकेगा हनुमानगढ़ का शहीद स्मारक
हनुमानगढ़. काकोरी शहीद अशफाक उल्लाह के घर आंगन की मिट्टी से हनुमानगढ़ का शहीद स्मारक महकेगा। इसी कड़ी में जंगे आजादी में जान देने वाले अन्य शहीदों के घर-खेत की भी मिट्टी यहां लाई जाएगी।
शहीद अशफाक उल्लाह के घर की मिट्टी से महकेगा हनुमानगढ़ का शहीद स्मारक
शहीद अशफाक उल्लाह के घर की मिट्टी से महकेगा हनुमानगढ़ का शहीद स्मारक
– टाउन स्थित शहीद स्मारक का लोकार्पण करने आएंगे अशफाक उल्लाह के परिजन
– जंगे आजादी में बलिदान देने वाले अन्य शहीदों के घर-आंगन की मिट्टी भी लाई जाएगी
हनुमानगढ़. काकोरी शहीद अशफाक उल्लाह के घर आंगन की मिट्टी से हनुमानगढ़ का शहीद स्मारक महकेगा। इसी कड़ी में जंगे आजादी में जान देने वाले अन्य शहीदों के घर-खेत की भी मिट्टी यहां लाई जाएगी। शहीद अशफाक उल्लाह के पोते अशफाक उल्लाह 17 अगस्त को हनुमानगढ़ आएंगे। वे अपने साथ घर की मिट्टी और शहीद अशफाक की डायरी वगैरह लेकर आएंगे।
नागरिक सुरक्षा मंच संयोजक एडवोकेट शंकर सोनी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वाले और संघर्ष करने वाले मशहूर-गुमनाम शहीदों के स्मारक का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। टाउन में भद्रकाली रोड स्थित शहीद स्मारक में ऑडियो विजुअल लाइब्रेरी सहित कई कार्य बकाया हैं जो जल्दी ही पूरे कर लिए जाएंगे। इसका लोकार्पण 17 अगस्त को शहीद अशफाक उल्लाह के पोते अशफाक उल्लाह करेंगे। वे यहां मंगलवार सुबह पहुंच जाएंगे। उनको सुसज्जित रथ में बिठाकर जंक्शन के ग्रांड इन होटल से टाउन स्थित शहीद स्मारक लाया जाएगा। इस दौरान रास्ते में कई जगहों पर उनका अभिनंदन किया जाएगा। शहीद स्मारक के लोकार्पण के बाद शहर के प्रमुख संगठनों के पदाधिकारी अशफाक उल्लाह का अभिनंदन करेंगे। मंच के संरक्षक कर्नल राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि देश की आजादी दो विचारधाराओं से मिली। सबका अपने स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान रहा। मगर ऐसे सैकड़ों शहीद व संघर्ष करने वाले लोग थे जो गुमनाम रह गए। उनको देश के ज्यादातर लोग जान नहीं पाए। शहीद स्मारक का उद्देश्य भी यही है कि ख्यात के साथ-साथ गुमनाम शहीदों के बारे में नई पीढ़ी को विस्तार से बताया जाए। वे देखेंगे, सुनेंगे और समझेंगे तो निश्चित तौर पर हमारा उद्देश्य पूर्ण होगा। गुमनाम शहीदों की जानकारी जुटाने के लिए मंच के संयोजक एडवोकेट शंकर सोनी निरंतर प्रयासरत हैं। प्रेस वार्ता में राधेश्याम आदि मौजूद रहे।
गुमनाम क्रांतिकारी का विमोचन
आशीष गौतम ने बताया कि शहीद स्मारक लोकार्पण समारोह के दौरान ‘गुमनाम क्रांतिकारीÓ पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा। एडवोकेट शंकर सोनी लिखित इस पुस्तक में 1857 से लेकर 1947 तक के प्रमुख आंदोलन, संघर्ष एवं एक्शन में मुख्य भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी दी गई है। फांसी की सजा या काले पानी की सजा भुगतने वाले जांबाजों के संघर्ष को बयां किया गया है।
स्मारक की सौगात
भद्रकाली रोड स्थित शहीद स्मारक में जंगे आजादी की लड़ाई में जान देने वाले या बरसों बरस जेल की सलाखों के पीछे जिंदगी काटने वाले वीरों की प्रतिमाएं बनाई गई हैं। इसमें बहुत से जाबांज ऐसे हैं जिनको भुला दिया गया है। जिनके नाम लोगों को मुश्किल से याद हैं। उनकी शहादत की पूरी कहानी इस स्मारक स्थल पर लोगों को सुनाई जाएगी। वरिष्ठ अधिवक्ता शंकर सोनी अपनी जमा पूंजी से शहीद स्मारक स्थल का निर्माण करने में करीब चार वर्ष से जुटे हुए हैं। इसका निर्माण बगैर सरकारी सहायता या जन सहयोग के कराया गया है। ऑडियो-विजुअल लाइब्रेरी का कार्य जल्दी ही शुरू होगा। एडवोकेट शंकर सोनी ने बताया कि करीब अस्सी लाख रुपए का यह प्रोजेक्ट है। युवा पीढ़ी आजादी के परवानों के संघर्ष को गहनता से रुचि के साथ जान सके, बस यही अरमान है।
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