script4 से 29 जून तक आईजीएनपी की नहरों को तीन में एक समूह में चलाने का रेग्यूलेशन तैयार | Regulation ready to run IGNP's canals in three groups from June 4 to 2 | Patrika News
हनुमानगढ़

4 से 29 जून तक आईजीएनपी की नहरों को तीन में एक समूह में चलाने का रेग्यूलेशन तैयार

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हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में चार जून से सिंचाई पानी मिलने की संभावना है। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता ने चार जून से २९ जून तक का रेग्यूलेशन तैयार कर मंजूरी के लिए सिंचित क्षेत्र विकास आयुक्त को भिजवाया है।
 

हनुमानगढ़Jun 01, 2022 / 10:53 am

Purushottam Jha

4 से 29 जून तक आईजीएनपी की नहरों को तीन में एक समूह में चलाने का रेग्यूलेशन तैयार

4 से 29 जून तक आईजीएनपी की नहरों को तीन में एक समूह में चलाने का रेग्यूलेशन तैयार

4 से 29 जून तक आईजीएनपी की नहरों को तीन में एक समूह में चलाने का रेग्यूलेशन तैयार
-सिंचित क्षेत्र आयुक्त की मंजूरी मिलने पर करेंगे लागू

हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में चार जून से सिंचाई पानी मिलने की संभावना है। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता ने चार जून से २९ जून तक का रेग्यूलेशन तैयार कर मंजूरी के लिए सिंचित क्षेत्र विकास आयुक्त को भिजवाया है। इस अवधि में नहर को तीन में एक समूह में चलाने का जिक्र प्रस्तावित रेग्यूलेशन में किया गया है। नहरी क्षेत्र के किसान सिंचाई पानी का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। अब सिंचाई पानी मिलने पर नहर क्षेत्र के किसान खरीफ फसलों की बिजाई कर सकेंगे। पूर्व में दो माह से अधिक की बंदी की वजह से कई जिलों में पेयजल की समस्या बन गई थी। लेकिन अब पानी प्रवाहित होने से पेयजल किल्लत की स्थिति में सुधार आ रहा है। गत दिनों हुई बीबीएमबी की बैठक में इंदिरागांधी नहर के लिए जून माह में ९६५० क्यूसेक का शेयर निर्धारित किया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार नहरों में पानी चलाने पर जिले में खरीफ फसलों की बिजाई गति में तेजी आएगी। नहरों में सिंचाई पानी चलने के बाद किसान बीटी कॉटन की पछेती बिजाई करेंगे। वहीं जून के दूसरे सप्ताह में मूंग, बाजरा व ग्वार के साथ ही धान की बिजाई में जुट जाएंगे। चालू खरीफ सीजन में अभी तक एक लाख ३० हजार हेक्टेयर में बीटी कॉटन की बिजाई हो चुकी है। कृषि विभाग का अनुमान है कि नहरी पानी मिलने से आगे बिजाई का आंकड़ा दो लाख हेक्टेयर तक जा सकता है। वहीं नहरी पानी की बात करें तो जितना पानी हरिके हैड वक्र्स से प्रवाहित हो रहा है, उतना राजस्थान सीमा नहीं पहुंच रहा है। इस स्थिति में तय रेग्यूलेशन के अनुसार नहरों को चलाने में भविष्य में और दिक्कतें आ सकती है। अधिकारियों का कहना है कि गर्मी की वजह से छीजत अधिक हो रही है। इसलिए राजस्थान सीमा पर कम पानी पहुंच रहा है।

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