हनुमानगढ़. टाउन के कोहला नहर के पास सोमवार शाम को जय श्री राम के नारों की गूंज सुनाई दी। कोहला नहर से लेकर गोशाला तक नवनिर्मित स्वागत द्वार के दोनों तरफ भगवा रंग की चुनियों से सजाया गया। मौका था श्रीराम द्वार के उद्घाटन समारोह का। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक गणेशराज बंसल व सभापति सुमित रिणवा थे। कार्यक्रम के दौरान सर्व प्रथम अतिथियों ने श्रीराम दरबार के चित्र के समक्ष दीप प्रजवलित किया। इससे पूर्व श्रीराम द्वार पर ड्रोन से पुष्प वर्षा की गई और अतिथियों ने शिलान्यास पटिट्का का पर्दा हटाकर विधिवत रूप से उद्घाटन किया। इसके बाद राम के भजनों के बीच जय श्रीराम के नारे लगाए गए। इस दौरान भव्य आतिशबाजी भी हुई। कार्यक्रम में पहुंचे गणमान्य लोगों ने हनुमानगढ़ में श्रीराम द्वार का निर्माण करने पर विधायक गणेशराज बंसल, सभापति सुमित रिणवा व सभी पार्षदों का सम्मान किया। विधायक बंसल ने कहा कि हनुमानगढ़ के सभी मुख्य मार्गों पर भव्य स्वागत द्वार का निर्माण नगर परिषद की ओर से करवाया जा रहा है। हनुमानगढ़ में प्रवेश करने पर मिनी चंड़ीगढ़ जैसा आभास होने लगेगा। सभापति सुमित रणवा ने कहा कि कोहला में २५ लाख रुपए की लागत से श्रीराम द्वार का निर्माण करवाया गया है। सभापति ने कहा कि इसी की तर्ज पर टिब्बी मार्ग पर भी २५ लाख रुपए, संगरिया मार्ग, श्रीगंगानगर व अबोहर मार्ग पर भी २५-२५ लाख रुपए की लागत से स्वागत द्वार का निर्माण जारी है। जल्द ही कार्य पूर्ण होने पर शहर की जनता को सुपुर्द किया जाएगा। सभापति सुमित रिणवा ने कहा कि शहर से बाहर जाते वक्त और मुख्य मार्गों पर किनारे मलबे के ढ़ेर देखकर सौंदर्यीकरण करने की योजना तैयार की। सर्वप्रथम मुख्य मार्गों पर मलबे के ढ़ेर का उठाव करवाया गया और इन जगहों पर स्वागत द्वार का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। विधायक गणेशराज बंसल के मार्गदर्शन में कोहला में एतिहासिक भव्य श्रीराम द्वार का निर्माण करवाया गया है। टिब्बी मार्ग पर श्रीश्याम द्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी तरह जल्द ही अन्य मुख्य मार्गों पर भी द्वार का निर्माण लगभग पूर्ण होने वाला है। जल्द ही विधायक गणशेराज बंसल सभी मुख्य द्वारों का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान पार्षद मनोज सैनी, प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन प्रदेश उपाध्यक्ष तरूण विजय, अनिल गुम्बर, बहादुर यादव, मुकेश भार्गव, भागीरथ सुथार, एडवोकेट अमित महेश्वरी, पार्षद नगीना बाई, प्रमिला सोनी, विजेंद्र साईं, बलराज सिंह दानेवालिया ने अपने विचार रखे।