महत्वपूर्ण यह है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय प्रदेश के सभी सीडीईओ व डीईओ से महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में उपलब्ध साधन-संसाधन, अन्य सुविधाओं, छात्र शिक्षक अनुपात आदि के संबंध में रिपोर्ट मांग चुका है। प्रत्येक जिले से यह रिपोर्ट निदेशालय को भिजवाई भी जा चुकी है। हालांकि रिपोर्ट मांगते समय आदेश में कहीं यह उल्लेख नहीं किया गया कि संबंधित विद्यालयों की हिन्दी से अंग्रेजी में परिवर्तित करने की समीक्षा की जा रही है। मगर कोटा में अंग्रेजी से पुन: हिन्दी में विद्यालयों को परिवर्तित करने के बाद यह आशंका बलवती हो गई है कि नए शिक्षा सत्र में कई महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों पर कैंची चल सकती है।
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लॉटरी से चयन
जिले के 116 महात्मा गांधी विद्यालयों में नामांकन की स्थिति खराब नहीं है। लगभग 20 हजार का नामांकन चालू शिक्षा सत्र तक था। प्रारंभ में जो जिला मुख्यालय और फिर ब्लॉक स्तर पर एक-एक महात्मा गांधी स्कूल खोला गया था, उनमें तो बच्चों का प्रवेश लॉटरी के माध्यम से करना पड़ता है। आखिरी चरण में जो कई हिन्दी से अंग्रेजी में परिवर्तित किए गए थे, उनमें से कुछ में उपरोक्त स्थिति नहीं है।
निदेशालय ने मांगी थी रिपोर्ट
निदेशालय ने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में उपलब्ध साधन, संसाधन, सुविधा आदि के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी जो भिजवाई जा चुकी है। हालांकि ऐसा कोई आदेश नहीं था कि किसी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय को बंद करने के लिए उक्त रिपोर्ट मांगी जा रही है।
शक्ति रानी, सीडीईओ, हनुमानगढ़।
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आखिरी वाले रडार पर
जिले में वर्तमान में 116 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से 27 विद्यालय वे हैं, जिनको पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी महीनों में हिन्दी से अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया था।