पहले स्थाई मान्यता, अब जूझ रहे अस्थाई के लिए
हनुमानगढ़. एनएम लॉ कॉलेज, कभी संभाग स्तर पर बड़ा नाम हुआ करता था। स्थाई मान्यता थी। अब हालात यह हैं कि अस्थाई मान्यता भी नहीं है। इसके लिए भी जूझना पड़ रहा है।
पहले स्थाई मान्यता, अब जूझ रहे अस्थाई के लिए
पहले स्थाई मान्यता, अब जूझ रहे अस्थाई के लिए
– अस्थाई मान्यता के लिए कॉलेज प्रबंधन ने भेजी रिपोर्ट, ऑनलाइन निरीक्षण के बाद होगा भौतिक सत्यापन
– विद्यार्थियों में मान्यता के फेर में एक साल खराब होने की चिंता
हनुमानगढ़. एनएम लॉ कॉलेज, कभी संभाग स्तर पर बड़ा नाम हुआ करता था। स्थाई मान्यता थी। अब हालात यह हैं कि अस्थाई मान्यता भी नहीं है। इसके लिए भी जूझना पड़ रहा है। वर्ष 2016 में एनएम लॉ कॉलेज ने स्थाई मान्यता खो दी थी। इसके बाद से मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है। शहर की बरसों पुरानी इस शिक्षण संस्था को आज जिन हालात का सामना करना पड़ रहा है, उसके लिए निश्चित तौर पर तत्कालीन प्रबंधन जिम्मेदार है।
इसके पीछे कारण चाहे जो रहे हों। मगर महत्वपूर्ण यह है कि इससे संस्थान की प्रतिष्ठा को धक्का लगा है। विद्यार्थियों के मन में भी मान्यता के फेर में एक साल खराब होने की चिंता बढ़ गई है। हालांकि कॉलेज प्रशासन का दावा है कि कॉलेज को अस्थाई मान्यता जारी हो जाएगी। किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई खराब नहीं होगी। वहीं दूसरी ओर कॉलेज को स्थाई मान्यता दिलाने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर कॉलेज के विद्यार्थी करीब एक माह से आंदोलन कर रहे हैं।
आखिर क्या है मान्यता का मसला
जानकारी के अनुसार पहले एमजीएस बीकानेर विश्वविद्यालय से एनएम लॉ कॉलेज को स्थाई मान्यता प्राप्त थी। बाद में कई तरह की गड़बड़ी संबंधी शिकायतों के चलते विश्वविद्यालय ने वर्ष 2016 में ऑब्जेक्शन लगाकर एक साल के लिए स्थाई मान्यता निरस्त कर अस्थाई मान्यता जारी कर दी। इसके खिलाफ कॉलेज प्रबंधन कोर्ट में चला गया। वहां से स्थगन आदेश जारी हुआ। दोबारा निरीक्षण करवा कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी। यह प्रकरण अभी हाइकोर्ट में विचाराधीन है। इसी बीच राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी विधि महाविद्यालयों को डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अधीन कर दिया। डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने सभी विश्वविद्यालयों से लॉ कॉलेज की मान्यता को लेकर रिपोर्ट मांगी। वर्ष 2019-20 में जिस विधि महाविद्यालय की मान्यता की जो स्थिति थी, उसी आधार पर मान्यता जारी की। एनएम लॉ कॉलेज के पास उस समय अस्थाई मान्यता थी। अत: उसको अस्थाई मान्यता ही जारी की गई।
इन मांगों पर आंदोलन
छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चाहर ने बताया कि वर्ष 2017 से स्थाई मान्यता आदि को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। उस समय प्राचार्य, उप प्राचार्य, अकाउंटेंट आदि रिटायरमेंट के बाद भी महाविद्यालय से मोटी तनख्वाह उठा रहे थे। एनएसएस कैम्प एवं स्टूडेंट वेलफेयर फंड में गड़बड़झाला किया जा रहा था। आंदोलन कर रहे छात्रों की पांच प्रमुख मांगें हैं। इसमें कॉलेज को स्थाई मान्यता दिलाने, स्थाई स्टाफ नियुक्त करने, नगरपरिषद से खेल मैदान का एक रुपए में पट्टा जारी कराने, संस्था के चुनाव करवाकर स्थाई कमेटी बनाने तथा स्थाई मान्यता के लिए कमेटी बनाकर उसमें वर्तमान एवं पूर्व छात्र नेताओं को शामिल करने की मांग शामिल है।
नहीं होगा साल खराब
एनएम लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीताराम कहते हैं कि किसी विद्यार्थी का साल खराब नहीं होगा। अस्थाई मान्यता के लिए रिपोर्ट भेज चुके हैं। पहले ऑनलाइन निरीक्षण होगा। फिर विश्वविद्यालय की टीम कॉलेज का भौतिक सत्यापन करेगी। अभी कई कॉलेज को सम्बद्धता जारी कर उनको दो अगस्त तक परीक्षा फार्म भरने का समय दिया गया है। कई और कॉलेज कतार में हैं। जैसे-जैसे उनको सम्बद्धता जारी होगी, परीक्षा फार्म भरने की तिथि तय की जाएगी। बाद में सबकी परीक्षा एक साथ ली जाएगी।
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