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ग्वालियर

सरसों के खेतों पर बिछ गई धानी चूनर, किसानों के चेहरे खिले

भिण्ड जिले के अटेर, भिण्ड,मेहगांव, गोहद, लहार एवं रौन क्षेत्रेंा में सरसों की लहलहाती फसल से जहां खेत धानी चूनर से आच्छादित हो गए हैं वहीं किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।

ग्वालियरDec 26, 2016 / 02:31 pm

Shyamendra Parihar

ravi crop

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ग्वालियर/भिण्ड। भिण्ड जिले के अटेर, भिण्ड,मेहगांव, गोहद, लहार एवं रौन क्षेत्रेंा में सरसों की लहलहाती फसल से जहां खेत धानी चूनर से आच्छादित हो गए हैं वहीं किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।

जिले में रबी के कुल कृषि योग्य 3.37 लाख हैक्टेयर कृषि योग्य रकबे में से इस बार लगभग 2.50 लाख हैक्टेयर में सरसों बोई गई है, समय पर सिंचाई, आदान की आपूर्ति व बोवाई आदि हो पाने की वजह से इस बार सरसों का उत्पादन बंपर होने की संभावना है।

अंचल में पीला सोना के नाम से जानी जाने वाली सरसों की फसल की बेहतर स्थिति से किसान प्रफुल्लित हैं। जिले की गोहद तहसील के ग्राम ऐचंाया, पिपरोली, कठुंवा हाजी एवं बरथरा में 26 वर्ष बाद नहर के माध्यम से किसानों को पानी मुहैया कराया गया है, जिसके लिए गोहद के विधायक व राज्यमंत्री लालसिंह आर्य तथा जल संसाधन विभाग गोहद के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पीके गच्छ का विशेष योगदान रहा है। जल संसाधन विभाग गोहद के एसडीओ बीएल शर्मा व उपयंत्री विष्णु भार्गव के अनुसार, क्षेत्र के ग्रामों में सरसो एवं गेहूं की फसल के लिए किसानों को सिंचाई के लिए लगातार पानी दिलाने के प्रयास जारी हैं।

जिला प्रशासन के प्रयासों से इस बार जिले के किसानों ने अधिकतम रकवा में सरसों की फसल बोई है। प्रशासन द्वारा भी बेहतर फसलोत्पादन के लिए किसानों को खाद, बीज की समय पर उपलब्धता के पुख्ता इंतजाम किए जाने की वजह से खेतों में सरसों और गेहूं की फसल झूम उठी है। 

गोहद विकास खण्ड के ग्राम रूई निवासी किसान गजराज सिंह ने बताया कि 100 बीघा जमीन में गेहूं एवं सरसों की फसल की बोनी की है। दोनों फसलों के लिए खाद, बीज और पानी की सुविधा वक्त पर और आवश्यकता के अनुरूप मिल जाने से इस बार दोनों ही फसलें उम्मीद से ज्यादा उत्पादन देंगी। 

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