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ग्वालियर

रामजन्म भूमि विवाद पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कही ये बड़ी बात, मंदिर-मस्जिद के खोले कई राज

रामजन्म भूमि विवाद इन दिनों काफी चर्चा में हैं। इस विवाद पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बड़ी बात कही है।

ग्वालियरDec 08, 2017 / 12:23 pm

shyamendra parihar

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ग्वालियर। रामजन्म भूमि पर मस्जिद कभी थी ही नहीं। बाबर कभी अयोध्या आया ही नहीं। मैंने स्वयं अपनी आंखों से मंदिर के चार खंभे देखे। इन खंभों पर हनुमानजी के चित्र भी थे। यह बस षड्यंत्र के तहत किया गया। बाबर नामा में बाबर का अयोध्या आने का कोई उल्लेख नहीं है। ना ही कोई साक्ष्य मिले। इस बात को कोर्ट ने भी माना। यह बात जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने चैंबर ऑफ कॉमर्स में प्रबुद्ध नागरिक मंच द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में कही।

 

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उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुस्लिम और हिंदुओं के बीच मध्यस्थता करने के लिए आगे आ रहे हैं। अयोध्या में कोई तनाव नहीं है। वहां पूर्ण शांति है। कुछ लोग आदर्श राम मंदिर निर्माण की बात कर रहे हैं। मेरा कहना है कि अयोध्या में ब्रह्म राम का मंदिर बनाया जाए। उन्होंने राजा विक्रमादित्य के जीवन के व्रतांत को बताते हुए राम जन्म भूमि मंदिर के खोज के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि जन्म भूमि का दर्शन करना चाहिए। जन्म भूमि के दर्शन करने से जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। जन्मभूमि पर सनातन धर्म की नीति के अनुसार मंदिर बनाया जाएगा। विश्व हिन्दू परिषइ को भी इसमें शामिल किया जाएगा। वहीं उन्होंने साईंबाबा के बारे में पहले की गई टिप्पणियों को फिर दोहराया।


मुझे कोई लालच नहीं है
उन्होंने कहा कि मुझसे कहा जाता है कि आप शारदापीठाधीश्वर एवं ज्योतिषपीठाधीश्वर के जगतगुरु शंकराचार्य हैं। मैं दोनों पीठों से मुक्त हो जाऊंगा। कोई योग्य व्यक्ति को ढूंढकर लाओ। शंकराचार्य का जीवन कठिन और परिश्रम से भरा होता है। कोई वेतन नहीं मिलता, जो भी कोई दान देता है वो लोककल्याण में जाता है।

 

मैं आज भी भिक्षा मांगकर ही भोजन करता हूं। सनातन धर्म की रक्षा और उसके प्रचार का संकल्प लिया है। एेसे में किसी को बुरा लगे तो भले ही लगता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने की। इस मौके पर दंदरौआ सरकार के महंत रामदास, महंत रामसिया, संतकृपालसिंह, ढोलीबुआ महाराज, दिवाकर विद्यालंकर, साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, जीडीए अध्यक्ष अभय चौधरी, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल आदि उपस्थित थे।


गाय को जर्सी मत बनाओ, दूध पिओ
उन्होंने कहा कि भारत गोमांस का निर्यात करने में सबसे आगे है। गाय को जर्सी मत बनाओ। गाय का पालन करो। गाय का दूध पिओ। मांसाहार की जरूरत नहीं पड़ेगी। मांस, अंडा से दूर रहो। कंस मांसाहारी था। भगवान कृष्ण ने कंस को मार दिया था। भारत के अधिकांश लोग भ्रमित हैं।

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