इसी के चलते मध्यप्रदेश के प्रमुख शहराें में से एक ग्वालियर (Gwalior) के रेड लाइट एरिया (Red Light Area) के नाम से बदनाम बस्ती बदनापुरा, रेशमपुरा (Badnapura-Reshampura) में रविवार, 02 अक्टूबर की सुबह पुलिस ने छापामार कार्यवाही करते हुए नाबालिग बच्चियां बरामद किया था, जिनकी उम्र 7 से 15 साल के बीच थी। पुलिस द्वारा की गई अब तक कार्रवाइयों के बाद अब बदनापुरा क्षेत्र में महिला बाल विकास का सर्वे (Survey of women and child development) शुरू हो गया है।
इसके तहत बदनापुरा में देह व्यापार (body trade Badanpura area) के संदेह में पुलिस की कार्रवाई के बाद महिला बाल विकास ने सर्वे (Survey of women and child development)शुरू कराया है। इस सर्वे के दूसरे दिन विभाग की 5 सदस्यीय टीम पुलिस बल के साथ जानकारी लेने पहुंची। वहीं घरों से बालिकाओं के आधार नंबर मांगने पर यहां इन स्थितियों से बचने के लिए लोग कागज खो जाने का बहाना बना रहे हैं।
वहीं सर्वे में किस घर मे कितनी बालिकाएं हैं। उनका जन्म कहां हुआ है। उनका आधार कब बनाया है। माता पिता का नाम क्या है। किस हॉस्पिटल में जन्म हुआ। किसके घर में लाइसेंसी हथियार हैं। पूर्व में किसी पर देह व्यापार से संबंधित केस दर्ज हुआ है। इसके सहित अन्य जानकारियां भी इक्ट्ठी की जा रही हैं।
ऐसे समझें पूरा मामला
दरअसल पूर्व में पुलिस को एक सूचना मिली थी कि रेड लाइट एरिया बदनापुरा, रेशमपुरा (body trade Badanpura area) में कुछ बच्चियाें काे बाहर से लाया गया है। यह सूचना मिलने के बाद रविवार,2 अक्टूबर सुबह क्राइम ब्रांच पुलिस ने वहां छापा मारा। इस दाैरान करीब 150 से ज्यादा पुलिस जवान व अफसरों ने एक साथ चारों तरफ से घेराबंदी कर एक-एक घर की जांच की। इस सर्चिंग में पुलिस को बदनापुरा से 6 नाबालिग बच्चियां (body trade Badanpura area) मिली थी। यह बच्चियां किसकी हैं, उस समय पता नहीं चल सका था। यहां पुलिस ने एक युवक को भी हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की गई।
उस समय एएसपी मृगाखी डेका ने बताया कि पूछताछ के दौरान 6 में से तीन बच्चियों के संबंध में उनके परिजनों ने सुबूत दिए हैं कि बच्चियां वहीं की हैं, जबकि तीन बच्चियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इसलिए मानव तस्करी अथवा देह-व्यापार (body trade Badanpura area) जैसे अपराध की शंका के आधार पर जांच की जा रही है। यदि बच्चियों के पेरेंट्स सामने आते हैं या कोई सुबूत सामने आते हैं तो ठीक हैं, वरना जैसा अपराध सामने आएगा उस हिसाब से कार्यवाही की जाएगी।