मरीज बढ़ते ही पलंग होने लगे कम
अंचल भर से जेएएच के कार्डियोलॉजी में मरीज आते हैं। इसके चलते हर दिन पलंग कम और मरीज बढ़े हुए होते हैं। ऐसे में अब तो सर्दी बढ़ते ही मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इस समय भी लगभग 70 से ज्यादा मरीज यहां पर हैं। ऐसे में सभी मरीजों को पलंग पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।
हार्ट अटैक के लक्षण
छाती में दर्द, दबाव महसूस होना। संास फूलना, घबराहट होना आदि इसके लक्षण हैं।
स्ट्रोक के लक्षण
– स्ट्रोक होने के पूर्व चेहरा, हाथ पैर अचानक से सुन्न हो जाते हैं। बोलने या समझने में परेशानी होने लगती है। एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी होने लगती है। कई बार आदि आने लगते है। शरीर संतुलन में नहीं रहता है।
ये सावधानी जरूरी
– ज्यादा वजन है तो कम करें।
– तेल का पदार्थ नहीं खाएं।
– नमक की मात्रा पांच ग्राम से भी कम खाएं।
एक्सपर्ट की सलाह, सर्दियों में बदलें ये 10 आदतेंबीपी के मरीज क्या करें
– ठंड के मौसम में सुबह बाहर नहीं निकलें
– गर्म कपड़े पहने रहें
– ज्यादा से ज्यादा धूप में रहें
– ठंडा पानी न पीएं
– गुनगुने पानी से स्नान करें
– डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं खाएं
– डेढ़ से दो लीटर पानी पीना चाहिए
सर्दी में डेढ़ से दो लीटर पीना चाहिए
सर्दी में लोग पानी को कम पीते है। इससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी के दिनों में हर दिन डेढ़ से दो लीटर पानी पीना चाहिए। लेकिन इन दिनों लोग पानी का सेवन कम करते है।
हार्ट और बीपी के मरीजों को ज्यादा देखरेख की जरुरत
सर्दी के दिनों में वैसे तो सभी का अपने शरीर का ख्याल रखना चाहिए। लेकिन उसमें भी हार्ट और बीपी के मरीजों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीजों को अपनी दवाएं खाते रहने के साथ नियमित चेकअप कराते रहना चाहिए।
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इनका कहना है
ठंड बढ़ते ही ब्रेन के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे मरीजों को समय रहते अस्पताल पहुंचने पर बचाया जा सकता है। इस सीजन में ठंड से बचाव काफी जरूरी है। वहीं खान- पान का भी ख्याल रखना चाहिए।
– डॉ. अरविंद गुप्ता, न्यूरोलाजी, जीआरएमसी
कार्डिक के मरीजों को चेकअप कराने के साथ पानी की मात्रा बराबर रखना चाहिए। ठंड में निकलने से बचे। वहीं लक्षण होने पर तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।
– डॉ. राम रावत, कार्डियोलॉजिस्ट जीआरएमसी
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