क्षेत्रीय पार्टियां भी मैदान में, पर बसपा दिखा पाती हैं दम
– दूसरे राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों से भी बड़ी संख्या में उम्मीदवार मैदान में रहते हैं। समाजवादी पार्टी, शिवसेना, आजाद भारत पार्टी, प्रगतिशील मानव समाज पार्टी, राष्ट्रीय रक्षा मोर्चा आदि पार्टियां मैदान में रहती हैं। क्षेत्रीय पार्टियों के उम्मीदवार 500 ही वोट में सिमट गए। इस बार 2023 के चुनाव में आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। आप ने भी उम्मीदवार उतारे हैं। बसपा लंबे अरसे से अंचल में अपना दम दिखा रही है।
– 2018 के चुनाव में सपाक्स ने भी उम्मीदवार उतारे थे। सपाक्स के उम्मीदवारों को डाक मतपत्र में काफी वोट मिले थे। इस बार सपाक्स मैदान में नहीं।
इस तरह से मैदान में आते है निर्दलीय
– भाजपा व कांग्रेस के जो उम्मीदवार मैदान में होते हैं, उस समाज से सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार आते हैं। साथ ही बहुतायत वाले समाज को किसी भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। उस समाज के निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाते हैं।
– नामांकन फाॅर्म खींचने के समय काफी फॉर्म भी खिंचते हैं।
दतिया में एक ही निर्दलीय आया
2018 में दतिया विधानसभा में उम्मीदवारों की संख्या 10 रही। अंचल में सबसे कम उम्मीदवार इसी विधानसभा में थे। एक निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में था। आरक्षित सीटों पर निर्दलीय व उम्मीदवारों की संख्या कम रहती है।
इन विधानसभा में सबसे ज्यादा रहते हैं उम्मीदवार
विधानसभा | उम्मीदवार | निर्दलीय |
मेहगांव | 35 | 23 |
अटेर | 34 | 27 |
लहार | 23 | 17 |
विजयपुर | 16 | 10 |
पोहरी | 21 | 9 |
ग्वालियर | 22 | 8 |
पिछोर | 15 | 9 |