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ग्वालियर

मॉर्डन लाइफस्टाइल ने बिगाड़े दिल के हाल, ये आदतें हैं दिल की दुश्मन

युवाओं में हार्ट डिसॉडर्स की बढ़ती संख्या का सबसे प्रमुख कारण युवाओं की बिजी औी मॉर्डन लाइफ स्टाइल है।

ग्वालियरMar 29, 2016 / 12:43 pm

Shyamendra Parihar

heart diseases in youth

heart diseases in youth

ग्वालियर। वो समय जा चुका है, जब हम सोचते थे कि अभी तो हम यंग है और ह्दय रोगों से हमारा कोई नाता नहीं है। किसी भ्रम में जीने का शौक है तो बात और है, लेकिन असलियत सुनेंगे तो कांप जाएंगे। हार्ट डिसॉडर जिस तेजी से हमारे दिल पर हमला कर रहे हैं, वो एक चिंता का विषय है। युवाओं की एक बड़ी संख्या ह्दय रोगियों में तब्दील होती जा रही है।

मॉर्डन लाइफ स्टाइल ने बिगाड़ी दिल की चाल
युवाओं में हार्ट डिसॉडर्स की बढ़ती संख्या का सबसे प्रमुख कारण युवाओं की बिजी औी मॉर्डन लाइफ स्टाइल है। दैनिक जीवन में व्यायाम की कमी और जंक फूड का दिवानापन युवाओं को इस कगार पर ले आया है कि ज्यादातर युवाओं में ब्लड प्रेशर और ह्दय रोगों के लक्षण दिखाई देने लगे है।

शहर के वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत रस्तोगी बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में युवाओं में ह्दय संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही है। चिंता का विषय यह है कि यह संख्या हर साल में बढ़ रही है। युवाओं में ह्दय संबंधी रोगों की सबसे बड़ी वजह उनकी लाइफस्टाइल और स्मोकिंग और शराब की आदत है। युवा जंकफूड के आदि बनते जा रहे है, जो कि उनके दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है।

ये आदतें कर रही है दिल को बीमार
स्मोकिंग
युवाओं में हार्ट डिसीज के लिए स्मोकिंग सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। स्मोकिंग की आदत युवाओं में बढ़ रही है। स्मोकिंग से दूर रहकर दिल को सेहतमंद बनाया जा सकता है।

जंक फूड
आज की यूथ जनरेशन जंक फूड के एडिक्ट हो गई है। ऑफिस, कोचिंग या कॉलेज में युवा हमेशा फास्टफूड का चुनाव करते हैं,जिसमें कॉलेस्टॉल की मात्रा अधिक होती है।

अत्यधिक व्यस्तता
युवाओं में ह्दय रोगों की घुसपैठ का सबसे बड़ा कारण ये है कि युवा सोशल मीडिया और अपनी लाइफ में इतना बिजी हो गए कि व्यायाम के लिए वक्त निकालना भी मुश्किल हो गया। एक्सपर्ट कहते हैं कि युवाओं को दिन के कुछ घंटे निकालकर व्यायाम करना चाहिए। मॉर्निंग वॉक इसमें सबसे बेहतर है।

डिप्रेशन
आज का यूथ सोशल मीडिया पर एक्टिव तो रहता है, लेकिन उसके अलावा फैमिली और दोस्तों से दूर हो गया है। ऐसे में डिपे्रशन युवाओं पर जल्दी हावी होने लगती है।

एक्सपर्ट कहते हैं कि युवाओ को स्मार्टफोन और सोशल मीडियो से समय निकालकर फैमिली के साथ भी समय बिताना चाहिए, और मन की बातों को शेयर करना चाहिए, इससे दिल की सेहत बेहतर रहेगी।

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