मंत्री जेएएच पहुंचे तो ट्रॉमा सेंटर के बाहर कोई स्ट्रेचर मैन नहीं था, इस पर महिला को हाथों में टांगकर ले गए और उसका उपचार प्रारंभ कराया। महिला को जांच कराने के लिए ले जाने के दौरान स्ट्रेचर मैन ने कह दिया कि हमारी ड्यूटी यहीं तक है। इस पर मंत्री ने डीन डॉ.जैन और पुलिस तथा यहां स्ट्रेचर तथा सफाई व्यवस्था में लगी कंपनी के अधिकारियों को बुलवाया। मौके पर एडीएम भी पहुंच गए थे। पुलिस से कहा कि ये कंपनी धोखाधड़ी कर रही है, इसलिए इनके अधिकारियों को ले जाओ और डीन से कहा कि इनके खिलाफ एफआइआर करवाओ। तब तक वहां पहुंचे अधीक्षक डॉ.अशोक मिश्रा ने महिला की जांचें करवाईं।
मंत्री तोमर ने डीन डॉ.भरत जैन को निर्देश दिए कि अस्पताल में काम कर रही कंपनी बीवीजी और हाइट्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएं। इस कंपनी के कारण अस्पताल की व्यवस्था खराब हो रही है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री आई थीं तब भी उन्होंने बीवीजी और हाइट्स की शिकायतें मिलने पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। मंत्री तोमर ने तत्काल प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग से चर्चा कर नियमों के अनुसार कर्मचारी उपलब्ध नहीं करा रही कंपनी पर कार्रवाई के लिए कहा, इस पर प्रमुख सचिव ने भी कहा कि कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी।