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ग्वालियर

पटवारी संघ ने हाथ खड़े कर दिए, ठप हो सकते हैं कामकाज

rajaswa maha abhiyan 3: पटवारियों को 10 प्रकार के काम करने होंगे, जिसमें फार्मर आईडी, नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, ई केवायसी, स्वामित्व योजना, पुराने रास्ते खुलवाना, नक्शा तरमीम आदि शामिल हैं।

ग्वालियरNov 20, 2024 / 12:57 pm

Manish Gite

rajaswa maha abhiyan 3
rajaswa maha abhiyan 3: सरकार ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए राजस्व महाभियान-3 शुरू किया है। इस अभियान के शुरू होने के बाद पटवारी फील्ड में पहुंचे और उनको शाम को अपनी प्रगति देनी थी, लेकिन राजस्व महाभियान के दौरान जो कार्य किए जाने हैं,उसको लेकर पटवारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
प्रांतीय पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने परेशानी से अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार को अवगत कराया। नक्शा तरमीम के संबंध में अवगत कराया कि महाभियान 1 व 2 में अधिकतर मामलों का निराकरण किया जा चुका है। अब जो नक्शा तरमीम बचे हैं, वह राजस्व न्यायालयों के हैं। यदि राजस्व निरीक्षक के साथ जाकर पटवारी मौके पर नक्शा तरमीम का काम करेगा तो महाभियान के दूसरे काम ठप पड़ जाएंगे।

ई-केवायसी के बाद मिलेगा योजना का लाभ

राजस्व प्रकरणों लंबित होने की संख्या काफी बढ़ गई है। इसके अलावा सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिए ई-केवायसी की जानी है। इसके लिए सरकार ने राजस्व महाभियान-3 की शुरुआत की है। पटवारियों को 10 प्रकार के काम करने होंगे, जिसमें फार्मर आईडी, नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, ई केवायसी, स्वामित्व योजना, पुराने रास्ते खुलवाना, नक्शा तरमीम आदि शामिल हैं। हर काम के 10 अंक हैं। काम के आधार पर जिले की रैंङ्क्षकग निर्धारित होगी। यह अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा। राजस्व अभियान को लेकर काफी सख्ती है। दिनभर में जो कार्य किया गया है, उसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को पेश करनी है।

इन परेशानियों से कराया अवगत

■ मिसिल बंदोबस्त शीट व वर्तमान डिजिटल नक्शा से रकबा मेल नहीं खा रहा है। खसरे में दर्ज रकबा व नक्शे के रकबे में भिन्नता आ रही है। इसलिए बिना नवीन बंदोबस्त के नक्शा तरमीम करना संभव नहीं है।

■ वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर का मॉड्यूल त्रुटिपूर्ण है। यह वास्तविक रकबा नहीं दे रहा है। चालू शीट पर काटा गया नक्शा व ऑनलाइन नक्शे पर भिन्नता है।


■ ई केवायसी व फार्मर आईडी के लिए जो पोर्टल बनाया गया है, वह काफी जटिल है। किसी किसान के नाम में छोटी से भी गलती होने पर केवाईसी व फार्मर आईडी नहीं बन पा रही है। इस कार्य को आसान किया जाए।

■ पटवारियों को काम करने के लिए मोबाइल व लैपटॉप उपलब्ध कराए जाएं। गांव में इंटरनेट की भी स्पीड नहीं मिल पा रही है।

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