ग्वालियर। सीवन (बिहार) का एसडीएम बनकर फरेबी युवक ने 11 बेरोजगारों को सरकारी नौकरी का भरोसा देकर करीब 10 लाख रुपए एंठे हैं, इनमें कई मेधावी छात्र भी ठगे गए हैं। इस रकम से फरेबी ने बेंकॉक और थाईलैंड जाकर अय्याशी की। शनिवार को उसकी करतूत पकड़ी गई।
मुरार टीआई रविन्द्र गुर्जर ने बताया घासमंडी (मुरार) निवासी नरेन्द्र पुत्र कैलाश गुर्जर करीब 6 महीने से सीवान का एसडीएम बनकर घूम रहा था। कुछ दिन पहले वह मुरार थाने आया, उनसे एसडीएम बनकर ही मुलाकात की, लेकिन नरेन्द्र की बातों पर शक हुआ तो नजर रखना शुरू की तो पता चला नरेन्द्र ठग है। वह बेरोजागारों की तलाश में रहता है।
आईएएस का फर्जी आईडी
उनसे संपर्क कर सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने का वादा करता है और एवज में 50 हजार से 1 लाख रुपए तक एडवांस लेता है। ठगी करके उसने करीब 10 लाख रुपए वसूले। इस रकम से वह पहले थाईलैंड गया फिर बैंकॉक में घूमा। शनिवार को नरेन्द्र मुरार एरिया के साइबर कैफे पर आया तो उसे पकड़ा। उससे नकली पिस्टल, पासपोर्ट, करीब 6 हजार रुपए, मेट्रो ट्रेन का यात्री कार्ड और आईएएस का फर्जी आईडी कार्ड मिला है।
आईएएस नहीं बन सका तो बन गया ठग
पकडे़ गए नरेन्द्र ने खुलासा किया, उसने 2014 में आईएएस की परीक्षा दी थी, लेकिन पास नहीं हुआ। आईएएस बनने का जुनून सवार था तो फर्जी आईडी कार्ड बनवाकर लोगों को चकमा देना शुरू कर दिया। रौब गांठने के लिए वह कई बार किराए की कार पर नीली बत्ती लगाकर भी घूमता था। यहां तक उसने घर में भी यही बता कर रखा था वह एसडीएम बन गया है।
नाम: नरेन्द्र गुर्जर
उम्र: 25 वर्ष
शिक्षा: बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, आईएएस परीक्षा की तैयारी
ठगे : 6 माह में करीब 10 लाख रुपए
Hindi News / Gwalior / इनसे मिलिए ये हैं आईएएस अफसर, लेकिन अब हैं पुलिस की गिरफ्त में