देवी मां को अर्पित किए जवारे,खोला व्रत
नौ दिवसीय नवरात्रि महोत्सव का रविवार को जवारे विसर्जन के साथ समापन हुआ। मां को जवारे अर्पित करने के साथ देवी भक्तों द्वारा नौ दिन से किया जा रहा उपवास संपन्न हुआ।नवरात्रि महोत्सव के समापन पर मंदिरों तथा लोगों के घरों मे हवन भी हुआ। नवमी के अवसर पर बड़ी माता मंदिर पर भक्तों ने देवी पूजन के साथ देवी मां को जवारे अर्पित किए। जवारों के दर्शन करने के साथ श्रद्धालुओं ने नौ दिन से चल रहा अपना व्रत खोला।
बीहड़ों की देवी पीताम्बरा के यहां आने वाले भक्तों में राजनेताओं से लेकर फिल्म स्टार्स तक शामिल हैं। इसे आस्था कहें या डर लेकिन कभी नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक ने देवी के आगे अपना मस्तक झुकाया। एक समय ऐसा भी आया था जब दोनों मुल्कों के बीच हुई जंग में देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दतिया में स्थित मां पीतांबरा से मदद की गुहार लगाई थी और11वें दिन ही युद्ध की जंग पर विराम लग गया था।
दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है। भक्त भी इसी रूप में उनकी आराधना करते हैं। राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं। मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी है और राजसत्ता प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व होता है। मां की मूर्ति में भी माता को शत्रु की जिव्हा पकड़े दिखाया है। इनकी पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि भगवान परशुराम ने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए मां की उपासना की थी।