इनको बड़ी राहत
जो विभाग की ओर से शोकाज नोटिस का सामना कर रहे हैं, लेकिन धारा 148 में कार्रवाई शुरू नहीं हुई है, विभाग को इसके रिटर्न पर संदेश है तो वह रिटर्न संशोधित कर भविष्य की कार्रवाई से बच सकता है। ऋण व अपना स्टेटमेंट बेहतर करने के लिए भी ऐसे लोग जिन्होंने रिटर्न नहीं जमा किया था, वे पुराने रिटर्न जमा कर ऋण आदि हासिल कर सकेंगे।
क्या करना होगा आयकरदाता को
– अपडेटेड रिटर्न असेसमेंट वर्ष समाप्ति के 12 माह में दाखिल किया जा रहा या 13 से 24 माह के भीतर, यह बताना होगा।
– जिन लोगों कोआयकर विभाग से कोई प्रारंभिक नोटिस या इन्क्वायरी आई है, वे भी अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकेंगे।
– अपडेट रिटर्न फाइल करने पर मिस रिपोर्टिंग की स्थिति में लगने वाले 200 प्रतिशत पेनाल्टी से भी बच सकेंगे।
– इसमें आय रिफंड क्लेम नहीं किया सकता है और न ही कोई गलती से बताई हुई आय को घटाया जा सकता है।
इस जानकारी के साथ भर सकेंगे अपडेट रिटर्न
आईटीआर-यू दाखिल करने वाले करदाताओं को आय को अपडेट करने के लिए कारण देना होगा। उन्हें इसकी वजह बतानी होगी कि पहले रिटर्न दाखिल क्यों नहीं किया गया या आय की सही जानकारी क्यों नहीं दी गई। यह फॉर्म संबद्ध आकलन वर्ष के अंत के दो साल के भीतर दाखिल किया जा सकता है।
मिलेंगे ये 8 विकल्प
1. संबंधित वर्ष का रिटर्न फाइल नहीं किया गया था और कर योग्य आय अर्जित की गई थी
2. मूल रिटर्न, जो फाइल किया था, उसमें सभी इनकम रिपोर्ट नहीं की गई थी।
3. मूल रिटर्न में आय का गलत हेड चयनित किया गया था।
4. मूल रिटर्न में जो कैरिड फॉरवर्ड लॉस बताए, उसमें कमी की जाना है।
5. मूल रिटर्न में जो कैरिड फॉरवर्ड अनएचमोब्र्ड डेप्रिसिएशन बताया था, उनमें कमी की जाना है।
6. कम्पनीज की मैट क्रेडिट कम की जाना है।
7. मूल रिटर्न में कर की कम दर से टैक्स चुकाया गया था।
8. अन्य कोई कारण।