टीचर हाथ जोड़कर स्कूल में बसों की चेकिंग करने की बात कहते रहे लेकिन मासूमों की परेशानी को किसी ने नहीं समझा। हैरानी की बात यह है कि गांधी रोड चेकिंग प्वाइंट पर तो बच्चों को परेशान होते कई अफसरों ने भी देखा लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। बच्चों के साथ पुलिस के इस रवैये से परिजन भी खफा हैं। उनका कहना है यह तो पुलिस की मनमानी है।
औचक चेकिंग से सड़क पर लग गई वाहनों की भीड़
ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार को स्कूलों की छुट्टी के बाद बच्चों को घर ले जा रही बस, वैन और ऑटो को रास्ते में रोक लिया। चालकों से कहा वाहन साइड में खड़ा करो, गाड़ी की फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, कागज चेक कराओ। चेकिंग प्वाइंट गोला का मंदिर, आकाशवाणी तिराहा, चेतकपुरी, यातायात थाने के सामने सिटी सेंटर सहित चिरवाई नाका पर लगाए।
इन्हीं रूट से शहर में सबसे ज्यादा स्कूली वाहनों की आवाजाही रहती है। ट्रैफिक पुलिस की औचक चेकिंग से प्वाइंटस पर स्कली वाहनों की भीड़ जमा हो गई। उनमें बैठे बच्चों ने कुछ देर तक तो गर्मी और भूख प्यास को सहन किया। बच्चों की परेशानी देखकर वाहन में उनके साथ बैठे टीचर्स ने पुलिसकर्मियों से कहा- बच्चे परेशान हो रहे हैं।
कार्रवाई करना है तो स्कूल या यार्ड में आकर चेक कर लें इस तरह बच्चों को क्यों सता रहे हैं। उनका क्या कुसुर है। वह ६ बजे से घर से निकले हैं। दोपहर के २ बज रहे हैं। उनका टिफिन, पानी की बोतल सब खाली हो चुका है। ऊपर से इतनी गर्मी है। कई बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है। इनके बारे में तो सोचो, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी गई। पुलिसकर्मी बेफ्रिक होकर वाहनों को साइड में खड़ा कर चेकिंग की कार्रवाई करते रहे।
“सोमवार को औचक चेकिंग में २५ स्कूली बस में फिटनेस, रजिस्ट्रेशन नंबर और कागज की खामियां मिलीं जबकि ७ वैन को अनधिकृत तौर पर बच्चों को लाते ले जाते पकड़ा, इसके अलावा ५ ऑटो में बच्चे ओवर लोड थे। इन वाहनों पर कार्रवाई की गई।”
पकंज पाण्डेय एएसपी ट्रैफिक