जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस दीपक कुमार अग्रवाल की युगलपीठ ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मिलावटी दूध सार्वजनिक महत्व का विषय है। जनता को दिए जाने वाला दूध धीरे-धीरे मिलावटी होता जा रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य कर प्रतिकूल असर डाल रहा है। खासतौर पर बच्चों के लिए खतरा पैदा कर रहा है। स्वास्थ्य के लिए खतरनाक मिलावटी दूध रोकने के लिए पूरे प्रयास करना चाहिए।
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अतिरिक्त महाधिवक्ता को कहा-इसका पूरा रेकॉर्ड रखें
हाईकोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी को निर्देश दिए कि वह भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया और गुना के कलेक्टर से मिलावट रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है और जिलों में चल रहे मिलावटी दूध कोरोकने क्या योजना है इसको रिकॉर्ड में रखें। इस मामले में याचिका वर्ष-2019 में लगाई थी और वर्तमान में इन जिलों के कलेक्टर का तबादला हो गया है अभिभाषक उमेश कुमार बोहरे ने वर्तमान कलेक्टर के नाम जोड़ने हाईकोर्ट में आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।