एचसीएम को काम में व्यस्त और आरक्षक को मोबाइल पर बात करता देखा तो आरोपी ने मौका देखकर हमला कर दिया। विदित हो कि आरक्षक जिला अस्पताल में उपचाररत है जबकि एचसएम उमेशबाबू दोहरे की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई।
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बेरोजगार हैं उमेशबाबू के तीनों बेटे : उमेशबाबू दोहरे अपनी पुलिस की नौकरी से ही 10 सदस्यीय परिवार का लालन पालन कर रहे थे। वे अपनी बेटी रैनू की शादी कर चुके थे। उनके दो बेटे सोनू दोहरे 34 एवं मौनू दोहरे 26 पढ़ाई खत्म करने के बाद बेरोजगार हैं और दोनों विवाहित हैं। सोनू का एक बेटा 10 साल का है तथा बेटी पांच वर्ष की है। मौनू को एक तीन साल का बेटा है उसकी पत्नी का एक साल पूर्व दिल का दौरा पडऩे से देहांत हो चुका है। तीसरा 23 वर्षीय बेटा रजत बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है। पत्नी राजकुमारी उर्फ गुड्डी सहित उमेशबाबू का कुल 10 सदस्यीय परिवार है।
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थाना प्रभारी की लापरवाही से हुई हत्या
मृतक उमेशबाबू के भाई रमेश दोहरे का आरोप है कि ऊमरी थाना प्रभारी ने आरोपी विष्णु सिंह राजावत को बिना अपराध दर्ज किए बिठाए हुए थे। यदि उसके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया होता तो वह हवालात के अंदर होता। उसके भाई की हत्या थाना प्रभारी की लापरवाही के कारण हुई है।