ग्वालियर। मकर संक्रांति पर सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस अवसर पर सूर्य देव की उपासना करने का विशेष प्रावधान है, जिससे मनुष्य को पुण्य मिलता है।
इस अवसर पर ओडिशा स्थित कोर्णाक के सूर्य मंदिर में देश-विदेश से सैलानी आते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि कोर्णाक के सूर्य मंदिर के अलावा ग्वालियर में भी एक भव्य सूर्य मंदिर है, जहां मकर संक्रांति पर सैलानियों की भीड़ लगती है।
जीडी बिड़ला ने बनवाया था सूर्य मंदिर
ग्वालियर के मुरार क्षेत्र में बना सूर्य मंदिर कोर्णाक सूर्य मंदिर की प्रतिलिपि है,जिसका निर्माण देश के प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिड़ला ने करवाया 1977 में करवाया था।
यह हर वर्ष लाखों की संख्या में पयर्टक आते हैं। ग्वालियर में स्थित सूर्य मंदिर कोणार्क (उड़ीसा) के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर की प्रतिकृति है। यह सूर्य देवता को समर्पित ग्वालियर में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह मुरार क्षेत्र में स्थित है। शहर में नवनिर्मित मंदिरों में से एक है। मंदिर के बाहरी दीवारों को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जबकि अंदरूनी हिस्सा सफेद संगमरमर से निर्मित है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्र पत्थरों पर अंकित है।
सूर्य की पहली किरण पड़ती है मंदिर में
सूर्य मंदिर की स्थापत्य कला बेजोड़ है। मंदिर का निमार्ण इस प्रकार किया गया है कि सूर्य की पहली किरण मंदिर में स्थित भगवान की मूर्ति पर पड़ती है। ये हूबहू कोर्णाक के मंदिर की तरह बनाया गया है।
पुत्र शनि से कुछ दूरी पर है पिता सूर्य का मंदिर
ग्वालियर का सूर्य मंदिर अपने आप में खास है और पूरे क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन का केन्द्र बनता जा रहा है। मंदिर की स्थिति भी इसे खास बनाती है। सूर्य मंदिर मुरैना एंति स्थित प्राचीन शनि मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बता दें कि शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं।
Hindi News / Gwalior / कोर्णाक ही नहीं यहां भी है सूर्य मंदिर, पहली किरण से होता है भगवान का अभिषेक