27 नवंबर को हुई रिटायर्ड फौजी की मौत
बता दें कि, बीती 27 नवंबर को ही पुष्कर कॉलोनी में रहने वाले रिटायर्ड फौजी की चिकनगुनिया से मौत हुई है। उसके बाद से हर रोज चिकनगुनिया के आधा सैंकड़ा से ज्यादा मरीज शहर में सामने आ रहे हैं। यही कारण है कि इन बिगड़ते हालातों ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की भी पोल खुलने लगी है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि, उनकी टीम निगम के साथ मिलकर डेंगू के साथ-साथ चिकनगुनिया के प्रति जागरूकता के साथ ही लार्वा नष्टीकरण और फॉगिंग का काम लगातार कर रही है।हॉट स्पॉट पर विभाग का डेरा
बहरहाल स्वास्थ्य विभाग के लिए अभी डेंगू तो चुनौती बना ही है, साथ ही चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों ने भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नींदें उड़ा दी हैं। यही कारण है कि शहर के हॉटस्पॉट में तब्दील हो चुके इलाकों में नगर निगम के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग ने भी डेरा जमा लिया है।क्या कहते हैं जिम्मेदार?
मामले को लेकर जिला मलेरिया अधिकारी विनोद दोनेरिया का कहना है कि, दिसंबर के शुरुआती दिनों में चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। उसे देखते हुए शहर की पुष्कर कॉलोनी और दीनदयाल नगर में कैंप लगाकर सैंपलिंग कराई जा रही है। साथ ही, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज की लैब में चिकनगुनिया के वेरिएंट की जांच करने सीरो सैंपल भी भेजा गया है।इन आंकड़ों पर भी गौर करें
-जनवरी से अबतक डेंगू की 22, 673 जांच हुई, जिनमें 1,448 पॉजिटिव पाए गए।-जनवरी से अबतक चिकनगुनिया की 1036 जांचें हुईं, जिनमें 322 पॉजिटिव पाए गए।
-जनवरी से अबतक मलेरिया की 3,01,842 जांचें हुई, जिनमें 18 पॉजिटिव मिले हैं।
-स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी से अबतक 6,79,481 घरों का सर्वे किया है, जिनमें 27,482 घरों में लार्वा मिला।
-40,02,778 कंटेनर चेक किए, जिनमें से 33,394 में लार्वा पाया गया। इनमें से 21,784 कंटेनर खाली कराए गए, जबकि 11,620 में दवा छिड़काव किया गया।