भाई की सरकारी नौकरी से नियुक्ति पर उठे थे सवाल
मेंडोरा (भोपाल़) के जंगल में चेतन सिंह गौर की कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए मिलने के बाद आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा की काली कमाई का खुलासा हुआ था। उसके बाद ही सौरभ की आरटीओ में नौकरी को लेकर भी सवाल उठे थे। खुलासा हुआ था सौरभ का बडा सचिन शर्मा तो छत्तीसगढ़ में वित्त विभाग में अफसर है। ऐसे सचिन को पिता की जगह अनुकंपा नौकरी कैसे मिल गई। जबकि अनुकंपा नियुक्ति का नियम है कि परिवार का एक सदस्य यदि सरकारी नौकरी में है तो किसी अन्य सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
अनुकंपा नियुक्ति की फाइल और शपथ पत्र ले गई लोकायुक्त टीम
सौरभ किस तिकड़म से अनुकंपा नियुक्ति के नियम की अनदेखी कर आरटीओ में सिपाही बना था लोकायुक्त इसकी भी जांच कर रही है। इसलिए डीएसपी वीरेन्द्र रघुवंशी की अगुवाई में टीम भोपाल से परिवहन विभाग के ग्वालियर मुख्यालय आकर सौरभ की नियुक्ति की फाइल और शपथ पत्र को ले गई है।
धोखाधड़ी में फंसेगा परिवार
सौरभ शर्मा की अनुकंपा नौकरी के लिए उसकी मां उमा शर्मा का शपथ पत्र बुधवार को सोशल मीडिया पर भी सामने आया है। फिलहाल लोकायुक्त शपथ पत्र की जांच कर रही है। उसकी नजर में शपथ पत्र झूठा साबित होता है तो सौरभ शर्मा काली कमाई के साथ जालसाजी का दोषी होगा उसकी मां उमा शर्मा भी कानूनी शिकंजे में आएंगी।नेताओं से नजदीकी, एक मंत्री जब दिल्ली जाते तो सौरभ कार में होता था साथ
सौरभ शर्मा की परिवहन विभाग में तूती बोलती थी। अब उसके सहकर्मी खुलासा कर रहे हैं सौरभ ने आरटीओ में नौकरी हासिल करने के कुछ दिन बाद ही अपना हुनर दिखा दिया था। उसका ज्यादातर वक्त राजनेताओं के साथ बीतता था। एक मंत्री तो जब भी दिल्ली जाते थे सौरभ ही उनकी कार ड्राइव करता था।