इसके बाद 1996 में भी जीर्णोद्वार कराया गया था। पुजारी शंकर दास ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग करीब डेढ़ फीट की गहराई में स्थापित है। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में शिवभक्त दर्शन करने के लिए आते है। पुजारी का कहना है कि शिवलिंग के दर्शन करने से हर इच्छा पूरी होती है। सिंधिया परिवार के लोग जब भी भिण्ड आते हैं तो मंदिर में दर्शन करने आते हैं और व्यवस्थाओं का जायजा भी लेते हैं।
अटेर कि ले तक बनी थी सुरंग, अब हो चुकी है डैमेज
्प्राचीन मंदिर में एक सुरंग भी बनी है जो अटेर किले तक जाती है। वर्तमान मेंं यह सुरंग कई स्थानों पर डेेमेज हो चुकी है। पुजारी का कहना है कि सुरंग का निर्माण राजाओं के द्वारा ही कराया गया था।मंदिर के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।