प्रतिनिधि मंडल ने महानगर मंत्री अमन वैशांदर की अगुवाई में अपनी बात रखी। इस दौरान वैशांदर ने कहा कि छात्रों का भविष्य गर्त में धकेलने वाली कंपनी के खिलाफ एफआइआर और ब्लैक लिस्ट किए जाने की कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रहेगा। एफआइआर की बात वीसी के समक्ष रखी जाएगी।
इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
-कंपनी द्वारा मॉड्यूल के अंतर्गत किया गया काम संतोषजनक नहीं रहा है, समय से परीक्षा परिणाम और मार्कशीट आदि उपलब्ध नहीं करा पा रही है। इससे छात्रसंघ धरना, प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं।
-अकादमिक सत्र संचालन में विलंब हो रहा है और विवि की छवि धूमिल हो रही है।
-जून में हुई कार्यपरिषद में भी नई कंपनी के लिए टेंडर की बात हुई थी, लेकिन उस समय वर्तमान एजेंसी से सामंजस्य बैठाने के नाम पर मामला टाल दिया गया।
-कुलपति ने सभी को बताया कि अब शासन स्तर से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने के साथ एक ही कंपनी का चयन होगा। इस विषय को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से चर्चा हुई है।
-पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू होने से पहले एक साल परीक्षा संबंधी कार्यों को पूरा कराने के लिए नया टेंडर निकाला जाएगा।
-परीक्षाओं को समय से कराने और परीक्षा परिणाम भी समय से घोषित कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की है।