ग्वालियर में 66वां शस बंदूक धारक
ग्वालियर जिले में 33 हजार से ज्यादा लोगों के पास शस्त्र लाइसेंस हैं। इनमें 2 हजार पिस्टल और रिवॉल्वर धारक हैं। शस्त्र धारकों में महिलाएं भी शामिल हैं। हथियार की ललक के आकंड़े इसलिए भी चौकाने वाले क्योंकि जिले की संया 22 लाख के करीब है। इस हिसाब से देखा तो जिले में हर 66 वें शस के पास लाइसेंसी हथियार है।
ये घटनाएं सामने आ चुकी
केस -1
25 सितंबर: नगर निगम के ठेकेदार नरेन्द्रसिंह चौहान ने अपने हाथों अपनी 306 बोर की लाइसेंसी बंदूक से पूरा परिवार खत्म कर दिया। उन्होंने पत्नी सीमासिंह और नाबालिग बेटे आदित्य सिंह को गोलियां मारीं फिर खुद को शूट कर सुसाइड किया। सनसनीखेज सुसाइड केस ने लोगों को दहला दिया है। पुलिस का कहना है नरेन्द्र सिंह ने भी बंदूक का लाइसेंस आत्मरक्षा का हवाला दिया था। लेकिन उसका हथियार उनके परिवार की जान का दुश्मन बन गया।
केस -2
29 सितंबर: गधोटा (बेलगढ़ा) में कमल रावत का पत्नी नीतू से झगड़ा हुआ था। नीतू ने ससुर की लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। रसूख के लिए रावत परिवार बंदूक को दीवार पर टांग कर रखता था। गांव में रुतबे की वजह रही बंदूक ने घर में मौत का कारण बन गई।
केस -3
17 सितंबर : रेशमपुरा में अनूप सेलावत ने लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मारकर सुसाइड किया। अनूप के बारे में पता चला कि वह बीमार थे। तमाम इलाज के बाद भी राहत नहीं मिली तो उन्होंने उसी बंदूक से अपनी जान दे दी जिसे अपनी जान और माल की सुरक्षा का हवाला देकर लिया था।
केस -4
26 जून: दीनदयाल नगर में मुकेश नरवरिया के बेटे मोहित ने उनकी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार कर सुसाइड किया। मुकेश फौज से रिटायर होने के बाद कपड़ा कारोबार करते हैं। सुसाइड क्यों किया तीन महीने से मामला जांच में है।