अब तक किसी ठग का नहीं लगा सुराग
एक और खास बात ये भी है कि इन ठगों को रोकने या पकड़ने के लिए पुलिस के पास भी अबतक कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। यानी पुलिस भी इन ठगों को पकड़ने में नाकाम है। इसका नतीजा ये है कि, इस तरह वारदातों को अंजाम देने वाला कोई भी अपराधी पकड़ाया नहीं जा सका है। जगह जगह सिर्फ एफआईआर होती है और जांच चलती रहती है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि हम ही सबसे पहले इस तरह के शातिर ठगों से सावधान रहें। वहीं, हम आपको कुछ कैसेज बताते हैं, जिनके जरिए आपको ये जानने में सहायता मिलेगी कि आखिर ये शातिर ठग लोगों को किस तरह अपना शिकार बना लेते हैं।ऐसे ठगे जा रहे लोग
-केस नंबर- 1
ग्वालियर शहर के सिटी सेंटर इलाके के निवासी डॉक्टर दंपत्ति की बेटी को पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया। इस तरह आरोपियों ने भरोसा दिलाने के लिए पहले तो लड़की के खाते में 1 हजार रुपए डाले। इसके बाद उससे 41.96 लाख रुपए ठग लिए।-केस नंबर- 2
थाटीपुर इलाके के निवासी बीएसएनएल के रिटायर्ड एसडीओ भी ठगी का शिकार हुए हैं। उनके साथ साढ़े पांच लाख रुपए की ठगी की गई है। रिटायरमेंट पर उन्हें जो पैसा मिला था, उसके जरिये घर बैठे मोटी कमाई कराने का लालच देकर शातिर ठगों ने उन्हें अपना शिकार बना लिया।-केस नंबर- 3
शहर के ही दीनदयाल नगर में रहने वाली ग्रहिणी के मोबाइल पर पार्ट टाइम जॉब का मैसेज आया। जैसे ही उसने मैसेज पर क्लिक किया वो भी शातिर ठगों के संपर्क में आ गए। इस तरह उनके साथ भी 11 लाख रुपए की ठगी की गई।टेलीग्राम एप के जरिये ठगी
पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ठगी का सबसे बड़ा माध्यम टेलीग्राम एप भी बनता जा रहा है। सबसे पहले ठग एसएमएस, वॉट्सएप मैसेंजर पर मैसेज भेजते हैं। इसके बाद लिंक के भेजकर टेलीग्राम एप के ग्रुप में जोड़ लेते हैं। यहां से ठगी का खेल शुरु हो जाता है।खातों में रुपए डालकर देते हैं लालच, ऐसे समझिए…
-टेलीग्राम एप में जोड़कर वीडियो लाइक, ओटीटी प्लेटफार्म का सब्सक्रिप्शन बढ़ाने, मूवी, वीडियो, रील्स को रेटिंग देने का टास्क दिया जाता है।-टास्क पूरा होने पर 50 से लेकर 1 हजार रुपए तक आपके खाते में डाले जाते हैं।
-जैसे-जैसे आपका फेथ उनपर बनता जाता है, वैसे-वैसे वो आपको अपने जाल में फंसाने लगते हैं।
-जब लोगों को लगता है कि ये काम तो बहुत आसान है। सिर्फ लाइक, शेयर करने पर खाते में पैसे आ जाते हैं तो उनका लालच बढ़ जाता है।
-इसके बाद पहले रुपए जमा कराए जाने लगते हैं। अलग-अलग टास्क पूरा होने पर पे-वॉलेट बना दिया जाता है।
-इसमें आनलाइन तो रकम बढ़ती दिखती है, लेकिन जैसे ही लोग इसे खाते में ट्रांसफर करत हैं। वॉलेट से पैसे ट्रांसफर होने में एरर आ जाता है।
-इसके बाद इनकम टैक्स और अन्य टैक्स का झांसा देकर और पैसा मांगा जाता है। एक बार फंसने के बाद इसमें लोग और फंसते चले जाते हैं।