सोमवार को मिजोरम में बाहरी लोगों के प्रति ज्यादा वैमनस्य का भाव देखने को मिला जब आइजल की विभिन्न हाईस्कूलों के मिजो विद्यार्थियों को शपथ दिलाई गई कि वे गैर मिजो लोगों से शादी नहीं करेंगे। छात्रों के स्थानीय प्रमुख संगठन मिजो जिरलाई पॉवल (एमजेडपी) के नेताओं ने छात्रों को यह शपथ दिलाई। एमजेडपी ने यह अभियान अंतर जातीय विवाह के खिलाफ इसलिए चलाया है ताकि मिजो जनजाति की रक्षा गैर जनजातीय लोगों से की जा सके। इनका मानना है कि गैर जनजातीय लोगों से इनकी संस्कृति और अस्तित्व के सामने खतरा पैदा हो जाएगा।
बच्चों को दिया देशभक्ति का वास्ता
एमजेडपी अध्यक्ष एल रामदिनलियाना रेनथेलेई ने कहा कि हमारे अपने जनजाति समुदाय में शादी करने से हम अपने अस्तित्व की रक्षा कर पाएंगे। मिजो एक छोटा समुदाय है और हम पर बाहरी लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिए जाने की आशंका है। एक दिन ये बाहरी लोग ही हमारे राज्य में बहुसंख्यक हो जाएंगे। रेनथेलेई ने आगे कहा कि जो गैर मिजो से शादी कर रहे हैं वे गैर जनजातियों के वंशज को बढ़ावा देकर जनजातियों के अधिकार को छीनना चाहते हैं। उन्होंने मिजो छात्रों से अपील की कि वे देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर यह सुनिश्चित करें कि वे अपने समुदाय में ही शादी करेंगे।
नए कानून की मांग
रेनथेलेई का कहना था कि मिजो पारंपरिक कानून के अनुसार जब कोई मिजो लडक़ी गैर मिजो से शादी करती है तो वह अपने आप गैर मिजो हो जाती है। उसके बच्चे भी जनजातीय अधिकारों से वंचित हो जाते हैं। पिछले साल मिजोरम के शक्तिशाली युवा संगठन यंग मिजो एसोसिएशन ने मांग की थी कि एक कानून बनाया जाए जिसमें यह हो कि मिजो लडक़ी किसी गैर मिजो से शादी करती है तो उसका अनुसूचित जनजाति का दर्जा खत्म हो जाएगा।