पंजाब पुलिस के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने बताया कि उक्त दोषियों को 4 अक्तूबर को जालंधर में करतारपुर से गिरफ़्तार किया गया। इनकी पहचान सिमरनजीत सिंह उर्फ सिमरन (26 साल) निवासी गाँव धीरपुर, जि़ला जालंधर और बलराम सिंह (26) निवासी गाँव सुरखपुर, जि़ला कपूरथला के तौर पर की गई है। यह दोनों एक निजी यूनिवर्सिटी के पार्किंग एरिया से चोरी किये मोटरसाइकिल द्वारा हेरोइन की डिलीवरी करने जा रहे थे। इन दोषियों के विरुद्ध थाना करतारपुर में आइपीसी की आर्म्स एक्ट और एन.डी.पी.एस एक्ट की सम्बन्धित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। सिमरनजीत सिंह जि़ला कपूरथला के गाँव हमीरा के एक रेत-बजरी व्यापारी के कत्ल के मामले में करीब 10 महीने पहले से भगौड़ा था।
डीजीपी ने बताया कि सुमित ने सीमा तारबन्दी वाली जगह पर (जहाँ वह तैनात था) 40 पैकेट हेरोइन और एक जिग़ाना 9 एम.एम. पिस्तौल की डिलीवरी के लिए रास्ते का बंदोबस्त किया हुआ था। उसने कुछ अनजाने व्यक्तियों को हेरोइन की डिलीवरी करने के बाद पिस्तौल अपने पास अपनी सुरक्षा के लिए रखा हुआ था। सुमित को नशों और हथियारों की सफलतापूर्वक प्राप्ति के लिए 15 लाख और 24 लाख रुपए की दो किश्तों में कुल 39 लाख रुपए प्राप्त हुए थे। सिमरनजीत सिंह उर्फ सिमरन जो कि अमनप्रीत सिंह का सगा भाई है, ने कबूला है कि उसने अपने भाइयों के साथ मिलकर गाँव हमीरा के रेत -बजरी के कारोबारी जगजीत सिंह को गोली मारी थी। वह कोरोना महामारी के कारण 11 जून, 2020 को कपूरथला जेल से जमानत पर रहा हुआ था।