चंडीगढ़। कृषि विधेयकों के विरोध में सभी किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया। इसका सर्वाधिक असर पंजाब में देखने को मिला। सड़कों से लेकर रेलवे ट्रैक तक किसानों के कब्जे में रहे। ट्रैक्टरों के साथ किसानों ने हाईवे जाम कर दिए। सड़कों पर पूरे दिन बैठे रहे। न तो किसी आने दिया और न ही जाने दिया। इस तरह किसानों ने पंजाब को पूरी तरह जाम कर दिया। किसानों के साथ व्यापारियों ने भी सहयोग किया। एक भी दुकान नहीं खुली।
26 सितम्बर तक रेल पटरियों पर जमे रहेंगे पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष समिति ने तीन दिन के रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया है। 26 सितम्बर तक किसान रेल पटरियों पर जमा रहेंगे। रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने शनिवार तक 20 विशेष ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द और पांच को गंतव्य से पहले रोक दिया है। किसानों ने अमृतसर और फिरोजपुर में रेल पटरियों पर कब्जा कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहन) के कार्यकर्ताओं ने बरनाला और संगरूर में रेल पटरियों को जाम किया। रेल पटरियों की सुरक्षा हेतु सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों तैनात हैं, लेकिन वे किसानों से कई टकराव नहीं कर रहे हैं। आज किसानों ने जो चाहा किया, पुलिस ने कोई प्रतिरोध नहीं किया।
पेट्रोल पम्प और चाय की दुकानें तक नहीं खुलीं अमृतसर, बठिंडा, चंडीगढ़, फरीदकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, मोहाली, संगरूर आदि जिलों में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। बंद का प्रभाव इसी से लगाया जा सकता है कि कर्फ्यू जैसी स्थिति रही। पेट्रोल पम्प तक बंद रहे। चाय की दुकानें तक नहीं खुलीं।
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