कोरोना महामारी के शुरू होने पर जिला अस्पताल गुना में आईसोलेशन वार्ड बनाया गया। इस वार्ड में कोरोना मरीजों को आईसोलेट किया जाना था। कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो यहां मरीजों के आने का सिलसिला भी शुरू हुआ, साथ ही इस वार्ड की बदइंतजामी का भी राज सामने आया। आईसोलेशन वार्ड को देखकर कोई रहना तो दूर यहां एक पल टिकना तक मुनासिब नहीं समझे लेकिन कोरोना पाॅजिटिव जबरिया यहां रखे गए हैं। हर ओर गंदगी का अंबार है। फर्श, दरवाजे और कूड़ा बास्केट में जगह जगह थूक के दाग आसानी से नजर आ जाएंगे। यहां आइसोलेट व्यक्तिओं के अनुसार एक ही साबुन से सभी लोगों को हाथ धुलना है। बाथरुम का पानी अंदर ही एकत्र हो रहा है। इन लोगों ने बताया कि जब भी वे लोग अस्पताल के जिम्मेदारों से गंदगी की शिकायत करते हैं तो उन लोगों को डांट खानी पड़ती है।
खाना भी अमानक तरीके से मिलता आईसोलेशन वार्ड में भर्ती व्यक्तियों के अनुसार उन लोगों को जो खाना दिया जा रहा है उसकी क्वालिटी बेहद खराब है। कई दिनों से खाने में पूड़ी व कद्दू की सब्जी लगातार मिल रही। आपत्ति सुनने वाला कोई नहीं है। यह खाना भी उन लोगों को किसी थाली में नहीं बल्कि पाॅलिथिन में दे दिया जाता है।
बता दें कि जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इस समय इस वार्ड में 13 मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों को साफ-सुथरी जगह पर रखना है। वार्ड में साफ सफाई का ध्यान रखने के साथ इनको पौष्टिक खाना देने का आदेश है।
आए दिन कोरोना संबंधी तैयारियों व सुविधाओं की हकीकत जानने के लिए तमाम अधिकारी, जनप्रतिनिधि अस्पताल का दौरा करते रहते हैं। बीते दिनों कलक्टर एस.विश्वनाथन ने आईसोलेशन वार्ड में सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए निगरानी का जिम्मा एसडीएम नेहा सोनी को दी थी लेकिन वह भी आईसोलेशन में रखे गए मरीजों की दिक्कतें दूर करने में नाकाम साबित हुईं।