उधर, खाद की दुकानों पर किसानों की सुबह से लंबी कतार लगी हैं। किसानों को एक आधार कार्ड पर 20-20 बोरी खाद ही दिया जा रहा है। बोवनी से बीज भी दोगुना हो गया है। इस कारण से किसान बीज लेने काफी परेशान हो रहे हैं। कृषि विभाग के पास भी पर्याप्त खाद नहीं है।
35 हजार टन खाद की जरूरत….
हाल ही विभाग ने एक रैक डीएपी खाद की मांग की है। गुना में इस साल 35 हजार टन खाद की जरूरत है। 22 हजार टन खाद विभाग के पास उपलब्ध है। इसमें डीएपी की भारी कमी है। जबकि किसान सबसे ज्यादा डीएपी खाद मांग रहे हैं।
पिछले साल घटा था गेहूं का लक्ष्य….
बारिश अच्छी होने से इस साल गेहूं का रकबा बढ़ गया है। बीते साल कम बारिश होने की वजह से गेहूं का लक्ष्य घटकर 80 हजार हेक्टेयर पर खिसककर आ गया था, जबकि इस साल गेहूं का रकबा 1.10 लाख हेक्टेयर रखा है और बोवनी इससे कहीं अधिक होने का अनुमान है।
कुशेपुर के किसान रघुवीर किरार और दिनेश किरार ने बताया, इस बार गेहूं की बोवनी 80 प्रतिशत जमीन में होगी और दूसरे नंबर पर चना बोया जाएगा। इसकी तैयारी क्षेत्र के किसान कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
1.10 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी का लक्ष्य रखा है।
90 हजार हेक्टेयर में चना बोवनी होगी।
10 हजार हेक्टेयर जमीन में सरसों की बोवनी होगी।
35 हजार टन सभी तरह के खाद की जरूरत।
22 हजार टन खाद विभाग के पास उपलब्ध।
13 हजार टन खाद आना है, जो पंजीकृत किसानों को मिलेगा, विभाग ने एक रैक डीएपी खाद मंगवाया है।
एक रैक खाद मंगाया
इस साल 35 हजार टन खाद की जरूरत है, हमारे पास 22 हजार टन खाद उपलब्ध है और डीएपी एक रैक खाद मंगवाया है, किसानों को खाद दिया जा रहा है। गेहूं का रकबा बढ़ गया है।
यूएस तोमर, उप संचालक कृषि