वहीं, ड्राइवर का आरोप है कि ऐसा करने से जब वह मना करता है तब मैडम धमकी देती हैं। डिप्टी कलेक्टर मैडम कहती हैं कि ऐसा फंसाऊंगी कि तू नौकरी करना भूल जाएगा। ड्राइवर ओमप्रकाश का कहना है कि मैं उनसे गुहार करता रहा कि मेरी धर्मपत्नी और नातिन बीमार है, मुझे जल्दी छोड़ दें। लेकिन मुझे सुबह साढ़े नौ से रात्रि सात-आठ बजे तक बिठाए रखती हैं।
ड्राइवर ओमप्रकाश ने शिकायती पत्र में लिखा है कि 8 दिसंबर 2018 को मेरी बीमार नातिन की मौत हो गई। मैंने इसकी सूचना उन्हें दी। ड्राइवर ने कहा कि उक्त महिला अधिकारी ने नातिन के मरने की जानकारी होने के बाद भी मुझसे कहा कि अगले दिन आ जाना मुझे इंदौर जाना है, मैंने कहा कि मुझे नातिन का दाह संस्कार करना है।
ड्राइवर का आरोप है कि डिप्टी कलेक्टर ने यह सुनने के बाद कहा कि अपनी मानवीय संवेदनाएं शून्य का हवाला देते हुए यहां तक कह दिया कि तेरी नातिन मर गई तो मर जाने दो। उसका क्रियाकर्म उसका पिता कर लेगा। जबकि उक्त बच्ची के माता-पिता सात माह पूर्व ही मर चुके हैं। उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और निलंबित और नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी देती रहीं। दस मई को निलंबित भी कर दिया।
वहीं, ड्राइवर के आरोपों पर जब डिप्टी कलेक्टर नेहा सोनी का पक्ष जानने के लिए पत्रिका ने फोन किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।