scriptशॉर्ट फिल्म की कहानी में होनी थी किरदार की हत्या, डायरेक्टर ने असल में ही मार डाला | character suppose to die in short film director actually killed | Patrika News
गुना

शॉर्ट फिल्म की कहानी में होनी थी किरदार की हत्या, डायरेक्टर ने असल में ही मार डाला

जिला सत्र न्यायालय ने हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

गुनाMar 30, 2023 / 12:28 pm

Faiz

News

शॉर्ट फिल्म की कहानी में होनी थी किरदार की हत्या, डायरेक्टर ने असल में ही मार डाला

‘बेटी बचाओ’ पर आधारित शॉर्ट फिल्म में बंधुआ मजदूर का किरदार निभाने के दौरान मरना था, लेकिन डायरेक्टर ने युवक को हकीकत में ही हत्या कर दी। साल 2018 में फिल्म में पात्र के रूप में शामिल युवक शिवम साहू की हत्या के आरोप में अब फिल्म के डायरेक्टर रहे महेश शर्मा और उसके साथी दीपू उर्फ गुट्टा जाटव को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मामले के खुलासे के अनुसार, मरने वाले युवक और आरोपियों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद था। इसके बाद साजिश के तहत डायरेक्टर ने शिवम को मारकर सिंध नदी में फेंक दिया था। यह शव बोरे में बंद था और मृतक के हाथ-पैर बंधे थे। बोरे में दो वजनदार पत्थर भी मिले थे, ताकि शव पानी में ऊपर न आ पाए। मामले की सुनवाई पंचम अपर सत्र न्यायाधीश अकबर शेख की अदालत में की गई। कोर्ट ने महेश शर्मा और दीपू को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

 

यह भी पढ़ें- सावाधान ! अपने बच्चों पर रखें नजर, यहां चुपके से नशे का आदी बनाकर दे रहे चोरी की ट्रेनिंग


यह है मामला

आपको बता दें कि, 3 अक्टूबर 2018 को शिवम साहू का शव सिंध नदी में मिला था। पुलिस जांच में पता चला कि, शिवम ने महेश से 25 हजार रुपए लिए थे। महेश रुपयों को वापस मांगने लगा और शिवम पैसों को अपना मेहनताना समझकर न देने की बात कहता था। इसी बात को लेकर महेश नाराज था।

 

पुलिस ने किया खुलासा

घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया था कि, पुलिस ने संदेह होने पर 32 वर्षीय महेश पुत्र सुनील शर्मा निवासी नदी मोहल्ला और 26 वर्षीय दीपू उर्फ गुट्टा पुत्र नवलकि शोर जाटव निवासी महावीरपुरा को हिरासत में लिया था। पूछताछ करने पर इन्होंने शिवम की हत्या करना स्वीकार किया। एक आरोपी महेश शर्मा से शिवम ने 25 हजार रुपए उधार लिए थे, इन्हें न लौटाने पर आरोपियों ने उसे गला दबाकर हत्या की। ये हत्या ऊमरी और खैरीखता के बीच 30 सितंबर को अंजाम दी थी। हत्या के बाद आरोपी मृतक के शव को कार में रखकर शहर में लाए। फिर यहां से एक बोरी ली और शव को बोरी में बंद कर सिंध नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपियों की कार को भी जब्त किया था।

 

यह भी पढ़ें- शर्मनाक तस्वीर : अस्पताल के गेट पर तड़प रहा था मरीज, इलाज के लिए डॉक्टरों से गुहार लगाती रही पत्नी

 

शॉर्ट फिल्म बनाता था महेश

आरोपी महेश शर्मा शॉर्ट फिल्म बनाता था। वारदात को अंजाम देने के समय भी बेटी बचाओ को लेकर वो फिल्म तैयार कर रहा था, इसमें शिवम को भी काम दिया था। शिवम साहू को बंधुआ मजदूर का रोल दिया गया था। फिल्म में शिवम को मरना था। कैंट थाने के एसआई बलवीर सिंह ने बताया कि, शिवम साहू पिछले काफी समय से महेश के संपर्क में था और उसकी बनाई फिल्म में काम करता रहता था। शिवम जरूरत पड़ने पर महेश से रुपए लेता रहा, जो कि 25 हजार हो गए। महेश इन रुपयों को वापस मांगने लगा और शिवम इन्हें अपना मेहनताना समझकर न देने की बात रहता था।


आजीवन कारावास की सजा

जांच के बाद पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। यहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी कराक देते हुए हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा और 500 – 500 रुपए जुर्माने से दंडित किया है। वहीं, साक्ष्य छुपाने की धारा में 5-5 वर्सग की कैद और एक-एक हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।

//?feature=oembed

Hindi News / Guna / शॉर्ट फिल्म की कहानी में होनी थी किरदार की हत्या, डायरेक्टर ने असल में ही मार डाला

ट्रेंडिंग वीडियो