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वियना में हुई थी मंत्रिस्तरीय बैठक
बता दें कि शुक्रवार को ईरान परमाणु समझौते यानी संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) को लेकर वियना में मंत्रिस्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोगरिनी ने की थी। बैठक में चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन और रूस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
यूरोपीय देशों ने ईरान को दिया था आर्थिक पैकेज
बैठक में जावेद जरीफ ने कहा कि दो दिन पहले ईरान को यूरोपीय देशों ने आर्थिक पैकेज दिया था, लेकिन राष्ट्रपति हसन रूहानी ने उसे अपर्याप्त बताया था। बता दें कि राष्ट्रपति रूहानी ने गुरुवार को कहा था कि ईयू द्वारा दिए गए पैकेज से 2015 के समझौते को लेकर देश के हित सुरक्षित नहीं होते।
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अमरीका ने छोड़ी सदस्यता
गौरतलब है कि परमाणु समझौते से अमरीका ने अपना हाथ खींच लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस करार को गलत बताते हुए इसी साल मई में इसकी सदस्यता छोड़ दी है। अमरीका ने का कहना था कि इस समझौते से आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं, समझौते से बाहर होने की बात कहने पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्रंप पर इस समझौते से जुड़े रहने को दबाव बनाया था। लेकिन उन्होंने इसे नहीं माना।