scriptपूर्व राज्यसभा सदस्य ने क्यों कहा कि प्रताप नहीं होते तो मेरा नाम मियां या खान होता, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर | why Former Rajya Sabha members and thinkers Balveer Punj said that If there is no pratap, then my name is Mian or Khan, udaipur | Patrika News
उदयपुर

पूर्व राज्यसभा सदस्य ने क्यों कहा कि प्रताप नहीं होते तो मेरा नाम मियां या खान होता, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

प्रताप नहीं होते तो मेरा नाम मियां या खान होता। हमारी पहचान तक बदल जाती। प्रयाग का नाम इलाहाबाद कर दिया गया, चित्तौडग़ढ़ का नाम अकबराबाद किया गया।

उदयपुरApr 01, 2017 / 04:18 pm

madhulika singh

प्रताप नहीं होते तो मेरा नाम मियां या खान होता। हमारी पहचान तक बदल जाती। प्रयाग का नाम इलाहाबाद कर दिया गया, चित्तौडग़ढ़ का नाम अकबराबाद किया गया। प्रताप के संघर्ष कारण ही उदयपुर का नाम जीवंत रहा। देश की कोख में कई पाकिस्तान पल रहे हैं। आज भी कश्मीर में काफी लोग एेसे रह रहे हैं, जिनके पासपोर्ट तो भारत के हैं, परन्तु उनका दिल किसी और के लिए धड़कता है। 
यह राय पूर्व राज्यसभा सदस्य व विचारक बलवीर पंूज ने शुक्रवार को मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के तत्वावधान में प्रताप और भारतीय राजनीति विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश पर पहला आतंकी हमला 712 में मोहम्मद बिन कासिम ने किया। बाद में मोहम्मद गौरी व महमूद गजनवी ने देश पर आतंकी हमले किए। गजनी के कारण ही भारत और अफगानिस्तान की परिकल्पना तैयार हुई। 
READ MORE: नोटबंदी की मार से नहीं बच पाए सरकारी मंदिर, बढऩे की बजाय घट गया चढ़ावा, पढ़ें पूरी खबर

प्रताप, शिवाजी जैसे देश भक्तों के संघर्ष का ही परिणाम है कि देश में लोकतंत्र की नींव रखी गई। यह धरती महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती, वीर सावरकर जैसे लोगों के जन्म के लिए सुरक्षित रह सकी। 
गीता दर्शन पर लगेंगी साप्ताहिक कक्षाएं

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि प्रताप का जीवन और संदेश वर्तमान राजनीतिक दौर में भी प्रासंगिक है। उन्होंने गीता के आधार पर ही अभय होने का संदेश दिया। कुलधर्म की पालना करने का संदेश हमें अपने समाज के प्रति दायित्वबोध के लिए प्रेरित करता है। देश में धर्म और पूजा पद्धतियां अलग-अलग हो सकती हैं लेकिन राष्ट्रीय संस्कृति एक ही होती है। गीता का ज्ञान शाश्वत और निरंतर है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नैतिक मूल्यों के संवद्र्धन के लिए एक केन्द्र की स्थापना होगी। गीता दर्शन पर आधारित साप्ताहिक कक्षाएं जल्द शुरू कर दी जाएंगी। भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान नई दिल्ली के संस्थापक रामकृष्ण गोस्वामी ने गीता की प्रासंगिकता, सार्वभौमिकता व शाश्वता पर प्रकाश डाला। 
READ MORE: Mewar Mahotsav @Udaipur: देशी स्टाइल में विदेशी युगल, देशी वेशभूषा और लोकगीतों पर दी शानदार प्रस्तुतियां, देखें वीडियो

यह भी रहे उपस्थित : कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार दशोरा ने प्रताप की युग पुरुष बताया। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो मदनसिंह राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के मेवाड़ संभाग अध्यक्ष डॉ. गोविंदसिंह राव ने भी विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में दर्जनों शिक्षकों और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Hindi News / Udaipur / पूर्व राज्यसभा सदस्य ने क्यों कहा कि प्रताप नहीं होते तो मेरा नाम मियां या खान होता, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

ट्रेंडिंग वीडियो