उभरने पर नहीं मानी तो कर दी हत्या एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि शिवगोविंद त्रिपाठी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि छह नवंबर की शाम के करीब छह बजे जब वह अपनी दुकान से घर पर आया तो देखा कि उसकी बेटी फोन पर किसी से बात कर रही है। पूछा गया तो उसने मोबाइल का सिम हटाकर मुंह में रख कूच दिया। आरोपी पिता ने कहा कि उसकी लड़की गैर बिरादरी के लड़के से बातचीत करती थी और उससे शादी करने की इच्छा रखती थी। यह बात उसे बिलकुल पसंद नहीं थी।
अपनी मर्जी से जीना चाहता था लड़की थी शिवगोविंद ने पुलिस को बताया कि एक दिन वह अपनी दुकान पर थी तो उसकी पत्नी ने आकर बताया कि लड़की ने घर के कमरे को अंदर से बंद कर लिया है, आशंका है कि कुछ अनहोनी कर लेगी। ऐसे में वह अपनी दुकान से घर पहुंची तो देखा कि कमरे में लड़की ताला बंंद करके कुंडी से लटकने का प्रयास कर रही थी। यह देखकर वह खिड़की तोड़कर अंदर गया और अपनी लड़की को समझाने लगा। लेकिन लड़की उससे बार-बार कह रही थी कि वह अब बड़ी हो गयी है, उसे अपनी मर्जी से जीने दो। वह अपनी मर्जी से जीना चाहती थी। वह कहने लगी कि जिससे प्रेम करता है उसी के साथ रहूंगी। हत्यारोपित ने पुलिस को बताया कि यह सुनकर उसे गुस्सा आ गया और आखिर में उसने अपनी बेटी अन्नू को मारने की सोची। वह अन्नू को अपनी साइकिल पर बैठाकर और कपड़े में गड़ासा लपेटकर घर से निकल गया। इसके बाद पिपरा ताल के पास ले जाकर घटना को अंजाम दिया और शव को वहीं फेंक दिया। 12 नवंबर को शव की बरामदगी हुई।