DNA रिपोर्ट बना इंसाफ का हथियार, टूट गए थे 5 गवाह
दरअसल, 22 अक्टूबर 2023 को चिलुआताल इलाके के एक गांव में 6 साल की बच्ची संग रेप की सूचना उसकी मां ने पुलिस को दी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी कृष्णा उर्फ कन्हैया के खिलाफ दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया। इसकी विवेचना दरोगा शैलेंद्र कुमार ने की। पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए। DNA का सैंपल लैब में भेजकर प्रक्रिया पूरी की। वहां से रिपोर्ट आने पर 11 दिन के भीतर ही विवेचक ने 11 नवंबर 2023 को चार्जशीट कोर्ट में फाइल कर दी। लेकिन मुकदमे की बहस के दौरान इसके 5 गवाह टूट गए।
इनकी रही पैरवी
उन्होंने घटना में अभियुक्त के शामिल होने से इनकार कर दिया। लेकिन वैज्ञानिक साक्ष्य होने की वजह से अभियुक्त बच नहीं सका। अपर जिला जज (विशेष जज पॉक्सो एक्ट) ने अभियुक्त कृष्णा उर्फ कन्हैया को वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इस केस की पैरवी करने में ADGC राघवेन्द्र त्रिपाठी, इंस्पेक्टर अतुल कुमार श्रीवास्तव, विवेचक शैलेन्द्र कुमार, न्यायालय पैरोकार रामआशीष गौड़ और मानीटिरिंग सेल की अहम भूमिका रही ।